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FPI ने अक्टूबर के 3 दिन में बाजार से करीब 3,000 करोड़ रुपये निकाले

1 से 4 अक्टूबर के दौरान शेयरों से शुद्ध रूप से 2947 करोड़ रुपये और कर्ज या बांड बाजार से 977 करोड़ रुपये निकाले। इस तरह उन्होंने कुल 3924 करोड़ रुपये की निकासी की।

By NiteshEdited By: Published: Sun, 06 Oct 2019 01:07 PM (IST)Updated: Sun, 06 Oct 2019 01:07 PM (IST)
FPI ने अक्टूबर के 3 दिन में बाजार से करीब 3,000 करोड़ रुपये निकाले
FPI ने अक्टूबर के 3 दिन में बाजार से करीब 3,000 करोड़ रुपये निकाले

नई दिल्ली, पीटीआइ। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने अक्टूबर के तीन शुरुआती कारोबारी दिन में शेयर बाजार से करीब 3,000 करोड़ रुपये निकाले हैं। FPI ने सितंबर महीने में शेयरों में शुद्ध रूप से करीब 7,850 करोड़ रुपये का निवेश किया था। इस निकासी के बाद भी बाजार के जानकारों का मानना है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक फिर से निवेश में तेजी ला सकते हैं। क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में कटौती और सेबी के कुछ फैसलों से निवेश बढ़ने की उम्मीद है।

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गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को रेपो रेट में 0.25 फीसद की कमी थी जिसके बाद नया रेट घटकर 5.15 फीसद हो गया। केंद्रीय बैंक ने इस साल पांचवी बार रेपो रेट में कटौती की है। पिछले करीब एक दशक में यह रेपो की सबसे निचली दर है।

मालूम हो कि विदेश निवेशकों ने 1 से 4 अक्टूबर के दौरान शेयरों से शुद्ध रूप से 2,947 करोड़ रुपये और कर्ज या बांड बाजार से 977 करोड़ रुपये निकाले। इस तरह उन्होंने कुल 3,924 करोड़ रुपये की निकासी की।

उल्लेखनीय है कि सरकार ने सितंबर महीने के अंत में कॉरपोरेट टैक्स में 10 फीसद कटौती का एलान किया था। साथ ही एफपीआई टैक्स अधिभार को भी खत्म कर दिया था। इसके अलावा भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने भी FPI के लिए अपने ग्राहक को जानो (केवाईसी) नियम आसान बना दिए हैं, इससे वे प्रतिभूति बाजार से बाहर भी लेनदेन कर सकते हैं। कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग के वरिष्ठ प्रबंधक अरुण मंत्री के मुताबिक, 'निकासी की वजह वैश्विक मंदी, व्यापार युद्ध और भारत में सुस्ती रही है। उन्होंने कहा कि कंपनियों के अच्छी तिमाही नतीजों से एफपीआई निवेश में सुधार की उम्मीद है। हालांकि, ग्लोबल इकॉनोमिक और ट्रेड वार की चिंताओं की वजह से बाजार में सुस्ती रह सकती है। बाजार को घरेलू निवेशकों से समर्थन मिलेगा।' 


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