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Forex रिजर्व में हुई खासी बढ़ोतरी, सितंबर में छू चुका है रिकॉर्ड स्‍तर

रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार इससे पहले सात जनवरी को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 87.8 करोड़ डॉलर घटकर 632.736 अरब डॉलर हो गया था। जबकि तीन सितंबर 2021 को समाप्त सप्ताह में यह रिकार्ड 642.453 के उच्च स्तर पर पहुंच गया था।

By Ashish DeepEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 02:00 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 09:00 AM (IST)
Forex रिजर्व में हुई खासी बढ़ोतरी, सितंबर में छू चुका है रिकॉर्ड स्‍तर
देश का मुद्रा भंडार भी 3.6 करोड़ डॉलर बढ़कर 5.238 अरब डॉलर हो गया।

नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। देश का विदेशी मुद्रा भंडार (India forex reserves) 14 जनवरी को समाप्त सप्ताह में 2.229 अरब डॉलर बढ़कर 634.965 अरब डॉलर हो गया। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार इससे पहले सात जनवरी को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 87.8 करोड़ डॉलर घटकर 632.736 अरब डॉलर हो गया था। जबकि तीन सितंबर, 2021 को समाप्त सप्ताह में यह रिकार्ड 642.453 के उच्च स्तर पर पहुंच गया था।

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सोने के भंडार में हुई बढ़ोतरी

आरबीआई के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार 14 जनवरी को समाप्त समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में उछाल आने की वजह कुल मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा माने जाने वाले विदेशी मुद्रा आस्तियों (एफसीए) और स्वर्ण आरक्षित भंडार में वृद्धि है।

विदेशी मुद्रा भंडार में रखे यूरो, पौंड में घट-बढ़ शामिल

रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, सप्ताह के दौरान एफसीए 1.345 अरब डॉलर बढ़कर 570.737 अरब डॉलर हो गया। डॉलर में अभिव्यक्त किये जाने वाले विदेशीमुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे यूरो, पौंड और येन जैसे गैर-अमेरिकी मुद्रा के घट -बढ़ को भी शामिल किया जाता है।

स्वर्ण भंडार का मूल्य 27.6 करोड़ डॉलर बढ़कर 39 अरब डॉलर

इस दौरान स्वर्ण भंडार का मूल्य 27.6 करोड़ डॉलर बढ़कर 39.77 अरब डॉलर हो गया। आलोच्य सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पास विशेष आहरण अधिकार 12.3 करोड़ डॉलर बढ़कर 19.22 अरब डॉलर हो गया। अंतररराष्ट्रीय मुद्राकोष में देश का मुद्रा भंडार भी 3.6 करोड़ डॉलर बढ़कर 5.238 अरब डॉलर हो गया।

डॉलर की खरीद-फरोख्‍त

बता दें कि पिछले कुछ महीनों में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने हाजिर बाजार से बड़ी संख्‍या में विदेशी मुद्रा बेची और खरीदी है। बिक्री लेनदेन सरप्‍लस बनाता है जबकि डॉलर की खरीद से भंडार के स्तर को फिर से भरने में मदद मिलती है और विदेशी पोर्टफोलियो और प्रत्यक्ष निवेशकों से आमद के सामने मुद्रा बाजार को तटस्थ रखता है। (Pti इनपुट के साथ)


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