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विदेशी रुझानों और रुपये पर रहेगी बाजार की निगाह

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि कच्चे तेल की कीमत में आई गिरावट और औद्योगिक उत्पादन में बढ़ोतरी के कारण घरेलू अर्थव्यवस्था का भविष्य बेहतर हो गया है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Mon, 24 Dec 2018 10:45 AM (IST)Updated: Mon, 24 Dec 2018 10:45 AM (IST)
विदेशी रुझानों और रुपये पर रहेगी बाजार की निगाह
विदेशी रुझानों और रुपये पर रहेगी बाजार की निगाह

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अमेरिकी सरकार के शटडाउन से जुड़े घटनाक्रम, कच्चे तेल की कीमत के रुझान और रुपये की चाल इस सप्ताह शेयर बाजार की दिशा निर्धारित करने में अहम भूमिका निभाएंगे। विशेषज्ञों के मुताबिक दिसंबर महीने के वायदा एवं विकल्प (एफएंडओ) सौदों की परिपक्वता के कारण बाजार में उतार-चढ़ाव की स्थिति रहने का भी अनुमान है। सीमा पर दीवाल बनाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पैसे की मांग पर गतिरोध पैदा होने के कारण शनिवार को अमेरिकी सरकार को आंशिक शटडाउन का सामना करना पड़ा।

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इस बीच कई खबरों के मुताबिक ट्रंप ने निजी तौर पर फेडरल रिजर्व (अमेरिकी केंद्रीय बैंक) के चेयरमैन जेरोम पॉवेल को बर्खास्त किए जा सकने की संभावना पर भी चर्चा की है। ब्याज दर बढ़ाने के पॉवेल के फैसले के कारण ट्रंप उन्हें पद से हटाने की संभावना तलाश रहे हैं। ट्रंप यदि उन्हें बर्खास्त करते हैं, तो इसका शेयर बाजार पर अत्यधिक बुरा असर पड़ सकता है, क्योंकि निवेशकों का मनोबल पहले से ही घटा हुआ है। कुछ विश्लेषकों का कहना है कि जीएसटी दरों में हुई कटौती और बुनियादी आर्थिक संकेतकों में सुधार के कारण भारतीय शेयर बाजार में तेजी का रुझान रह सकता है।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि कच्चे तेल की कीमत में आई गिरावट और औद्योगिक उत्पादन में बढ़ोतरी के कारण घरेलू अर्थव्यवस्था का भविष्य बेहतर हो गया है। इसके साथ ही खुदरा महंगाई दर में गिरावट के कारण आरबीआइ के लिए अपने रुख को सख्त से बदलकर निरपेक्ष करने की गुंजाइश बनी है। इससे बाजार में उम्मीद को कायम रखने में मदद मिलेगी। जीएसटी काउंसिल ने शनिवार को 23 वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स घटा दिए और फ्रोजेन व प्रीजव्र्ड वेजीटेबल को टैक्स से छूट दे दी। इसके साथ ही सिर्फ 28 वस्तु 28 फीसद की सर्वाधिक टैक्स श्रेणी में रह गई हैं।

अंतरराष्ट्रीय बाजारों के निवेशकों की निगाह इस सप्ताह अमेरिका-चीन व्यापार संबंध पर भी रहेगी। अमेरिकी शैल तेल उत्पादन बढ़ने के कारण कच्चे तेल की कीमत में गिरावट से भारत जैसे तेल आयातक देशों को कुछ राहत मिलेगी।

छह ब्लूचिप कंपनियों ने बाजार पूंजीकरण में 89,531 करोड़ गंवाए: देश की 10 सबसे मूल्यवान कंपनियों में से छह का एमकैप पिछले सप्ताह कुल 89,531.31 करोड़ रुपये घट गया। टीसीएस का एमकैप सर्वाधिक 34,521.94 करोड़ रुपये घटा। इन्फोसिस का एमकैप 26,143.34 करोड़ रुपये, हिंदुस्तान यूनीलिवर का 11,515.94 करोड़, आरआइएल का 8,493.67 करोड़, कोटक महिंद्रा बैंक का 5,311.51 करोड़ और मारुति सुजुकी का एमकैप 3,544.91 करोड़ रुपये घटा।


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