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विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने जनवरी में भारतीय बाजारों में की 14,649 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी

मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक (प्रबंधक शोध) हिमांशु श्रीवास्तव ने बताया ‘दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों और सरकारों द्वारा कोरोना वायरस महामारी के बीच प्रोत्साहन पैकेज जारी किए गए हैं इससे वैश्विक वित्तीय बाजारों में अतिरिक्त तरलता उपलब्ध हो गई है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Sun, 31 Jan 2021 02:23 PM (IST)Updated: Mon, 01 Feb 2021 06:45 AM (IST)
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने जनवरी में भारतीय बाजारों में की 14,649 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी
निवेश के लिए प्रतिकात्मक तस्वीर PC: Pixabay

नई दिल्ली, पीटीआइ। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) लगातार भारतीय बाजारों में निवेश कर रहे हैं। जनवरी, 2021 में भी एफपीआई शुद्ध निवेशक रहे हैं। एफपीआई ने जनवरी महीने में भारतीय बाजारों में शुद्ध रूप से 14,649 करोड़ रुपये का निवेश किया है। वैश्विक स्तर पर तरलता की काफी अच्छी स्थिति के चलते एफपीआई उभरते बाजारों में पैसा लगा रहे हैं और भारत उनके आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

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डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एक से 29 जनवरी के दौरान एफपीआई ने शेयरों में शुद्ध रूप से 19,473 करोड़ रुपये निवेश किए। इस अवधि के दौरान उन्होंने ऋण या बांड बाजार से 4,824 करोड़ रुपये की निकासी की। इस तरह उनका शुद्ध निवेश 14,649 करोड़ रुपये रहा।

डिपॉजटरी के आंकड़ों के अनुसार, इससे पहले विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय बाजारों में अक्टूबर, 2020 में 22,033 करोड़ रुपये, नवंबर, 2020 में 62,951 करोड़ रुपये और दिसंबर, 2020 में 68,558 करोड़ रुपये  निवेश किये थे।

मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक (प्रबंधक शोध) हिमांशु श्रीवास्तव ने बताया, ‘दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों और सरकारों द्वारा कोरोना वायरस महामारी के बीच प्रोत्साहन पैकेज जारी किए गए हैं, इससे वैश्विक वित्तीय बाजारों में अतिरिक्त तरलता उपलब्ध हो गई है। यही कारण है कि विदेशी निवेशक भारी मात्रा में उभरते बाजारों में निवेश कर रहे हैं, जिसका फायदा भारत को भी मिल रहा है।’

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने बताया कि एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करने वाली हैं। बजट प्रस्तावों को लेकर अनिश्चितता के कारण एफपीआई अभी बाजार की दिशा को लेकर असमंजस में हैं। इस कारण पिछले कुछ दिन से वे बिकवाली कर रहे हैं। कुमार ने कहा कि नवंबर और दिसंबर महीने में उभरते बाजारों में भारत को एफपीआई से सबसे अधिक निवेश प्राप्त हुआ है। यही कारण था कि सेंसेक्स 50,000 अंक के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा गया था।'


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