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विदेशी निवेशकों ने मई में 35 हजार करोड़ निकाले, सात महीने से बिकवाल बने हैं एफपीआइ

एफपीआइ बीते सात महीनों से लगातार घरेलू बाजारों (Share Market) में बिकवाल बने हुए हैं। अब तक यह 1.65 लाख करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं। मई में अभी तक विदेशी निवेशकों ने 35 हजार करोड़ निकाले हैं।

By Lakshya KumarEdited By: Published: Sun, 22 May 2022 10:50 AM (IST)Updated: Sun, 22 May 2022 10:50 AM (IST)
विदेशी निवेशकों ने मई में 35 हजार करोड़ निकाले, सात महीने से बिकवाल बने हैं एफपीआइ
विदेशी निवेशकों ने मई में 35 हजार करोड़ निकाले, सात महीने से बिकवाल बने हैं एफपीआइ

नई दिल्ली, पीटीआइ/बिजनेस डेस्क। विदेशी निवेशकों की भारतीय इक्विटी बाजारों से निकासी जारी है। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, प्रत्यक्ष विदेशी निवेशकों (एफपीआइ) ने मई में अब तक घरेलू इक्विटी बाजारों से 35,137 हजार करोड़ रुपये की निकासी की है। यह निकासी दो से 20 मई के दौरान की गई है। इस निकासी के साथ 2022 में अब तक एफपीआइ की निकासी बढ़कर 1.63 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है।

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FPIs के भारतीय बाजारों से पैसा निकालने पर विशेषज्ञों की राय

कोटक सिक्युरिटीज के इक्विटी रिसर्च (रिटेल) प्रमुख श्रीकांत चौहान का कहना है कि कच्चे तेल की कीमत, महंगाई, सख्त मौद्रिक नीति और अन्य कारणों को देखते हुए आगे भी विदेशी निवेश में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। जियोजित फाइनेंशियल के प्रमुख निवेश रणनीतिकार वीके विजय कुमार का कहना है कि विदेशी निवेशकों के प्रमुख बाजार अमेरिका में कमजोरी बनी हुई है। वहीं, डालर मजबूत हो रहा है। ऐसे में एफपीआइ की आगे भी घरेलू बाजारों में बिकवाली जारी रहेगी।

सात महीने से बिकवाल बने हैं एफपीआइ

घरेलू बाजारों में एफपीआइ बीते सात महीनों से लगातार बिकवाल बने हुए हैं और अब तक 1.65 लाख करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं। इस बीच बस अप्रैल के पहले सप्ताह में एफपीआइ ने 7,707 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था। इसका कारण बाजारों में आया सुधार था।

हालांकि, इससे पहले छह महीने की बिकवाली के बाद विदेशी निवेशकों अप्रैल के पहले सप्ताह में शुद्ध निवेशक हो गए थे। उन्होंने भारतीय बाजारों में गिरावट के बीच 7,707 करोड़ रुपये का निवेश किया था। लेकिन, विदेशी निवेशकों ने अपनी निवेश की धारणा को जारी नहीं रखा और फिर से शुद्ध विक्रेता बन गए।

कुल मिलकार बीते सात महीने में यह शुद्ध विक्रेता ही रहे हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा स्थितियों के बीच विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय बाजारों से फंड निकालना अभी जारी रह सकता है।


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