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विदेशी निवेशकों ने दिसंबर में अब तक भारतीय बाजारों से निकाले 17,696 करोड़ रुपये

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने दिसंबर में भारतीय बाजारों से अब तक 17696 करोड़ रुपये निकाले हैं। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक एफपीआई ने 1 से 17 दिसंबर के बीच इक्विटी से 13470 करोड़ रुपये डेट सेगमेंट से 4066 करोड़ रुपये और हाइब्रिड इंस्ट्रूमेंट्स से 160 करोड़ रुपये निकाले हैं।

By Abhishek PoddarEdited By: Published: Sun, 19 Dec 2021 11:58 AM (IST)Updated: Sun, 19 Dec 2021 11:58 AM (IST)
विदेशी निवेशकों ने दिसंबर में अब तक भारतीय बाजारों से निकाले 17,696 करोड़ रुपये
FPI ने दिसंबर में भारतीय बाजारों से अब तक 17,696 करोड़ रुपये निकाले हैं

नई दिल्ली, पीटीआइ। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने दिसंबर में भारतीय बाजारों से अब तक 17,696 करोड़ रुपये निकाले हैं, जो कोरोना वायरस के नए संस्करण ओमाइक्रोन और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा तेजी से टेपिंग की उम्मीदों के कारण अनिश्चितता के बीच है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने 1 से 17 दिसंबर के बीच इक्विटी से 13,470 करोड़ रुपये, डेट सेगमेंट से 4,066 करोड़ रुपये और हाइब्रिड इंस्ट्रूमेंट्स से 160 करोड़ रुपये निकाले हैं। नवंबर में, एफपीआई भारतीय शेयर बाजारों में 2,521 करोड़ रुपये के शुद्ध विक्रेता थे।

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मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर- मैनेजर रिसर्च हिमांशु श्रीवास्तव ने इस बारे में बयान देते हुए कहा कि, "वैश्विक और घरेलू दोनों मोर्चों पर अनिश्चितता बनी हुई है। कोरोना वायरस के नए संस्करण ओमाइक्रोन के कारण चिंता बनी हुई है और इसने वैश्विक विकास दृष्टिकोण को प्रभावित किया है। इसके अलावा, आर्थिक विकास भी अपेक्षाकृत धीमा रहा है, और भारत की कमाई ज्यादा नहीं बढ़ी है। यदि स्थिति बिगड़ती है, तो यह उन्हें भारत जैसे उभरते बाजारों से निवेश को भुनाने के लिए प्रेरित कर सकता है, जिन्हें वैश्विक बाजारों में उथल-पुथल को अधिक संभावित माना जाता है।"

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने इस बारे में बयान देते हुए यह कहा कि, "चूंकि बैंकिंग सबसे बड़ी एफपीआई होल्डिंग है, इसलिए इसे एफपीआई की बिक्री का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। निरंतर एफपीआई बिकवाली ने उच्च गुणवत्ता वाले बैंकिंग शेयरों को मूल्यांकन के नजरिए से आकर्षक बना दिया है।"

कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च प्रमुख (रिटेल) श्रीकांत चौहान ने अन्य उभरते बाजारों के संदर्भ में बयान देते हुए यह कहा कि, "दक्षिण कोरिया, फिलीपींस, ताइवान, थाईलैंड और इंडोनेशिया में क्रमशः 1,870 मिलियन अमरीकी डालर, 1,707 मिलियन अमरीकी डालर, 297 मिलियन अमरीकी डालर, 94 अमरीकी डालर और 57 मिलियन अमरीकी डॉलर की आमद देखने को मिली है। आगामी राज्य चुनावों और विकसित देशों द्वारा मौद्रिक सख्ती जैसे प्रमुख आयोजनों को देखते हुए एफपीआई प्रवाह अस्थिर रहने की उम्मीद है।"


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