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देश में 4 मेगा शॉपिंंग फेस्टिवल कराएगी सरकार, निर्यात को बढ़ावा देने के लिए उठाए ये कदम

सीतारमण ने कहा कि इस पहल की सालाना लागत 1700 करोड़ रुपये आएगी। निर्यात कर्ज के लिए 36000 करोड़ रुपये से लेकर 68000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी उपलब्ध होगी।

By NiteshEdited By: Published: Sat, 14 Sep 2019 04:44 PM (IST)Updated: Sat, 14 Sep 2019 04:44 PM (IST)
देश में 4 मेगा शॉपिंंग फेस्टिवल कराएगी सरकार, निर्यात को बढ़ावा देने के लिए उठाए ये कदम
देश में 4 मेगा शॉपिंंग फेस्टिवल कराएगी सरकार, निर्यात को बढ़ावा देने के लिए उठाए ये कदम

नई दिल्ली, पीटीआइ। अर्थव्यवस्था में जारी सुस्ती को दूर करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कई बड़े एलान किए। वित्त मंत्री ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए खासकर दो सेक्टरों पर ज्यादा जोर दिया जिसमें अफोर्डेबल हाउसिंग सेक्टर और एक्सपोर्ट सेक्टर शामिल रहे। उन्होंने देश में चार स्थानों पर हस्तशिल्प, योग, पर्यटन, कपड़ा और चमड़ा क्षेत्रों के लिए वार्षिक शॉपिंग फेस्टिवल आयोजित किए जाने की घोषणा की।

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सीतारमण ने निर्यातकों के लिए कर्ज प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के लिए कर्ज आवंटन के संशोधित नियमों (पीएसएल) की घोषणा की। इससे निर्यातकों को 36,000 करोड़ रुपये से लेकर 68,000 करोड़ रुपये तक का अतिरिक्त वित्तीय मदद मिलेगी। उन्होंने निर्यातकों को कर्ज के लिए पीएसएल नियमों की समीक्षा की भी बात कही। वित्त मंत्री ने कहा कि इसके लिए दिशानिर्देशों पर भारतीय रिजर्व बैंक के साथ बात-चीत चल रही है।

सीतारमण ने दिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'इससे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के तहत निर्यात कर्ज के लिए 36,000 करोड़ रुपये से लेकर 68,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी उपलब्ध होगी।'

 

वित्त मंत्री की घोषणाओं के मुताबिक, वाणिज्य विभाग के तहत एक अंतर-मंत्रालयी समूह निर्यात क्षेत्र को वित्त पोषण की सक्रिय निगरानी करेगा। इसके अलावा निर्यात कर्ज गारंटी निगम (ईसीजीसी) निर्यात कर्ज बीमा योजना का दायरा बढ़ाएगा। सीतारमण ने कहा कि इस पहल की सालाना लागत 1,700 करोड़ रुपये आएगी। साथ ही यह ब्याज दर समेत निर्यात कर्ज की पूरी लागत को विशेषकर लघु एवं मझोले कारोबारों के लिए कम करने में मदद करेगी।

अपनी घोषणाओं में उन्होंने कहा कि मुक्त व्यापार समझौता उपयोग मिशन की भी स्थापना की जाएगी। इसका मकसद निर्यातकों को उन देशों से शुल्क छूट दिलाने में मदद करना है जिनके साथ भारत ने संधि की है।

वित्त मंत्री ने निर्यात प्रोत्साहन के लिए विदेशी बाजारों में भेजे जाने वाले वाणिज्यिक उत्पादों पर कर और शुल्क का बोझ खत्म करने की नई योजना रिमिशन ऑफ ड्यूटीज ऑर टैक्सेज ऑन एक्सपोर्ट्स प्रोडक्ट्स (RoDTEP) की घोषणा की। इस योजना से खजाने पर 50,000 करोड़ रुपये का बोझ आने का अनुमान है।

बता दें कि मौजूदा समय में भारत से वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात अगस्त में एक साल पहले की तुलना में 6.05 फीसद नीचे आ गया है। अगस्त में देश से वस्तुओं का निर्यात 26.13 अरब डॉलर रहा। नई स्कीम 1 जनवरी 2020 से पहले की मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट्स फ्रॉम इंडिया स्कीम (MEIS) का स्थान लेगी। MEIS के तहत सरकार प्रोडक्ट और देश के आधार पर शुल्क पर लाभ उपलब्ध कराती रही है।


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