देश में 4 मेगा शॉपिंंग फेस्टिवल कराएगी सरकार, निर्यात को बढ़ावा देने के लिए उठाए ये कदम
सीतारमण ने कहा कि इस पहल की सालाना लागत 1700 करोड़ रुपये आएगी। निर्यात कर्ज के लिए 36000 करोड़ रुपये से लेकर 68000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी उपलब्ध होगी।
नई दिल्ली, पीटीआइ। अर्थव्यवस्था में जारी सुस्ती को दूर करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कई बड़े एलान किए। वित्त मंत्री ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए खासकर दो सेक्टरों पर ज्यादा जोर दिया जिसमें अफोर्डेबल हाउसिंग सेक्टर और एक्सपोर्ट सेक्टर शामिल रहे। उन्होंने देश में चार स्थानों पर हस्तशिल्प, योग, पर्यटन, कपड़ा और चमड़ा क्षेत्रों के लिए वार्षिक शॉपिंग फेस्टिवल आयोजित किए जाने की घोषणा की।
सीतारमण ने निर्यातकों के लिए कर्ज प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के लिए कर्ज आवंटन के संशोधित नियमों (पीएसएल) की घोषणा की। इससे निर्यातकों को 36,000 करोड़ रुपये से लेकर 68,000 करोड़ रुपये तक का अतिरिक्त वित्तीय मदद मिलेगी। उन्होंने निर्यातकों को कर्ज के लिए पीएसएल नियमों की समीक्षा की भी बात कही। वित्त मंत्री ने कहा कि इसके लिए दिशानिर्देशों पर भारतीय रिजर्व बैंक के साथ बात-चीत चल रही है।
Union Minister @nsitharaman announces measures to boost exports pic.twitter.com/vIBhPxp9wR— PIB India (@PIB_India) September 14, 2019
सीतारमण ने दिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'इससे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के तहत निर्यात कर्ज के लिए 36,000 करोड़ रुपये से लेकर 68,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी उपलब्ध होगी।'
Export Credit Guarantee Corp will expand scope of ECIS and offer higher insurance cover to banks lending working capital for exports in a move which will cost Rs 1700 crores per annum to the government: Union Minister @nsitharaman pic.twitter.com/bFhtnNzZAn — PIB India (@PIB_India) September 14, 2019
वित्त मंत्री की घोषणाओं के मुताबिक, वाणिज्य विभाग के तहत एक अंतर-मंत्रालयी समूह निर्यात क्षेत्र को वित्त पोषण की सक्रिय निगरानी करेगा। इसके अलावा निर्यात कर्ज गारंटी निगम (ईसीजीसी) निर्यात कर्ज बीमा योजना का दायरा बढ़ाएगा। सीतारमण ने कहा कि इस पहल की सालाना लागत 1,700 करोड़ रुपये आएगी। साथ ही यह ब्याज दर समेत निर्यात कर्ज की पूरी लागत को विशेषकर लघु एवं मझोले कारोबारों के लिए कम करने में मदद करेगी।
Govt working to reduce 'Time to export' by leveraging technology further; Action Plan to reduce turn around time at airports and ports bench marked to international standards to be implemented by Dec 2019 and Inter-Ministerial group to monitor this: Union Minister @nsitharaman pic.twitter.com/9cB0Uxyp7y — PIB India (@PIB_India) September 14, 2019
अपनी घोषणाओं में उन्होंने कहा कि मुक्त व्यापार समझौता उपयोग मिशन की भी स्थापना की जाएगी। इसका मकसद निर्यातकों को उन देशों से शुल्क छूट दिलाने में मदद करना है जिनके साथ भारत ने संधि की है।
On Free Trade Agreements
Government announces setting up of FTA Utilisation Mission headed by a senior officer in Dept of Commerce, to work with FIEO and export houses to utilise concessional tariffs in each FTA pic.twitter.com/YCY0ivleEF— PIB India (@PIB_India) September 14, 2019
वित्त मंत्री ने निर्यात प्रोत्साहन के लिए विदेशी बाजारों में भेजे जाने वाले वाणिज्यिक उत्पादों पर कर और शुल्क का बोझ खत्म करने की नई योजना रिमिशन ऑफ ड्यूटीज ऑर टैक्सेज ऑन एक्सपोर्ट्स प्रोडक्ट्स (RoDTEP) की घोषणा की। इस योजना से खजाने पर 50,000 करोड़ रुपये का बोझ आने का अनुमान है।
Government moves to enable handicrafts industry to effectively harness e-commerce for exports
announces mass enrolment of artisans across India for handicraft promotion pic.twitter.com/PoJUzzZvvd— PIB India (@PIB_India) September 14, 2019
बता दें कि मौजूदा समय में भारत से वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात अगस्त में एक साल पहले की तुलना में 6.05 फीसद नीचे आ गया है। अगस्त में देश से वस्तुओं का निर्यात 26.13 अरब डॉलर रहा। नई स्कीम 1 जनवरी 2020 से पहले की मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट्स फ्रॉम इंडिया स्कीम (MEIS) का स्थान लेगी। MEIS के तहत सरकार प्रोडक्ट और देश के आधार पर शुल्क पर लाभ उपलब्ध कराती रही है।