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सभी कंपनियां उठा सकती हैं COVID-19 इमरजेंसी क्रेडिट फैसिलिटी का लाभ, वित्त मंत्री ने किया स्पष्ट

सीतारमण ने कहा कि जीएसटी दर में कमी का फैसला काउंसिल द्वारा किया जाएगा।

By Ankit KumarEdited By: Published: Mon, 08 Jun 2020 08:19 PM (IST)Updated: Tue, 09 Jun 2020 07:40 AM (IST)
सभी कंपनियां उठा सकती हैं COVID-19 इमरजेंसी क्रेडिट फैसिलिटी का लाभ, वित्त मंत्री ने किया स्पष्ट
सभी कंपनियां उठा सकती हैं COVID-19 इमरजेंसी क्रेडिट फैसिलिटी का लाभ, वित्त मंत्री ने किया स्पष्ट

नई दिल्ली, पीटीआइ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को स्पष्ट किया कि कोविड-19 इमरजेंसी क्रेडिट फैसिलिटी का लाभ सभी कंपनियां उठा सकेंगी और यह केवल सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योगों (MSMEs) के लिए नहीं है। उद्योग मंडल फिक्की के सदस्यों को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने उद्योग जगत को सरकार की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने सोमवार को कहा कि सरकार कोविड-19 महामारी की वजह से नए निवेश के लिए 15 फीसद की दर से कॉरपोरेट टैक्स का लाभ उठाने की समयसीमा बढ़ाने पर विचार करेगी।

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सरकार ने पिछले साल सितंबर में कॉरपोरेट टैक्स में लगभग 10 फीसद तक की कटौती की थी। सरकार ने निजी निवेश को आकर्षित करने और सुस्त आर्थिक वृद्धि को रफ्तार देने के लिए 28 साल में सबसे अधिक कटौती की घोषणा पिछले साल की थी। सरकार ने पहले से मौजूद कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स को 30 फीसद से घटाकर 22 फीसद कर दिया था। साथ ही एक अक्टूबर, 2019 के बाद गठित और 31 मार्च, 2023 से पहले ऑपरेशन शुरू करने वाली नई विनिर्माण इकाइयों के लिए कॉरपोरेट टैक्स को 25 फीसद से घटाकर 15 फीसद कर दिया था।

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वित्त मंत्री ने कहा, ''हम यह देखेंगे कि क्या किया जा सकता है। हम चाहते हैं कि उद्योग को नए निवेश पर 15 फीसद कॉरपोरेट टैक्स का लाभ मिले।'' 

सीतारमण ने कहा कि इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए 31 मार्च, 2023 की वर्तमान समयसीमा को बढ़ाने पर विचार किया जाएगा।  

लिक्विडिटी को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा, ''हमने स्पष्ट तौर पर लिक्विडिटी के मुद्दे का समाधान उचित तरीके से किया है। निश्चित रूप से लिक्विडिटी की उपलब्धता है। अगर इसके बावजूद कोई मुद्दा रहता है तो हम उनपर गौर करेंगे।'' 

उन्होंने कहा कि सभी सरकारी विभागों को किसी अन्य विभाग की बकाया राशि का भुगतान करने को कहा गया है।  

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सबसे बुरी तरह प्रभावित सेक्टर्स के लिए GST Rate में कमी की जरूरत के संदर्भ में सीतारमण ने कहा, ''जीएसटी दर में कमी का फैसला काउंसिल द्वारा किया जाएगा। हालांकि, जीएसटी काउंसिल रेवेन्यू जुटाना चाहती है। किसी भी सेक्टर के लिए रेट में कमी का फैसला काउंसिल द्वारा किया जाएगा।''


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