फ्लिपकार्ट का सफर: सात साल में 9 अधिग्रहण, 8 साल में 465 करोड़ डॉलर की फंडिंग
बढ़ते प्रतिस्पर्धा के दौर में फ्लिपकार्ट बीते सात वर्षों के भीतर नौ बड़े अधिग्रहण कर चुकी है
नई दिल्ली (जेएनएन)। देश की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट ने सोमवार को तीन कंपनियों से 1.4 अरब डॉलर (करीब 9,050 करोड़ रुपये) की राशि जुटाई है। यह राशि माइक्रोसॉफ्ट, टेनसेंट होल्डिंग्स (चीन की इंटरनेट सेवा कंपनी) और ईबे ग्लोबल ने उपलब्ध कराई है। फ्लिपकार्ट बीते सात वर्षों में करीब नौ बड़े अधिग्रहण कर चुकी है। बीते आठ सालों में कंपनी ने 465 करोड़ डॉलर की फंडिंग जुटाई है। गौरतलब है कि फ्लिपकार्ट अमेरिका की ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन को टक्कर देने की पुरजोर कोशिश कर रही है।
सात वर्षों में नौ अधिग्रहण
फ्लिपकार्ट ने सोमवार को ईबे इंडिया के अधिग्रहण की घोषणा की है। आपको बता दें कि वर्ष 2010 से 2017 तक फ्लिपकार्ट नौ बड़ी कंपनियों का अधिग्रहण कर चुकी है। कंपनी ने साल 2010 में सबसे पहला अधिग्रहण बी रीड का किया था। इसके बाद 2011 में चकपक और 2012 में लेट्स बाय डॉट कॉम का अधिग्रहण किया। इसके ठीक दो वर्ष बाद कंपनी ने मिंट्रा का अधिग्रहण कर लिया।
वर्ष 2015 में फ्लिपकार्ट ने एनजीपे और एड आई क्वॉलिटी का अधिग्रहण किया। वहीं, कंपनी ने अगले वर्ष फोनपे और जबांग डॉट कॉम का अधिग्रहण कर लिया।
फ्लिपकार्ट ने अबतक 465 करोड़ डॉलर जुटाए
विदेशी निवेशकों समेत फ्लिपकार्ट अबतक 465 करोड़ डॉलर जुटा चुकी है। कंपनी ने सबसे पहली फंडिंग वर्ष 2009 में एसेल पार्टनर्स से 10 लाख डॉलर की जुटाई थी। इसके बाद जनवरी 2010 में टाइगर ग्लोबाल ने पहले 1 करोड़ डॉलर की पेशकश की थी, लेकिन मार्च 2011 में कंपनी ने 2 करोड़ डॉलर की फंडिंग की। साल 2012 में फ्लिपकार्ट ने आइकॉनिक, एसेल पार्टनर्स, टाइगर और नैस्पर से 255 मिलियन डॉलर जुटाए थे। जुलाई 2013 में इन्हीं निवेशकों ने 20 करोड़ डॉलर और निवेश कर दिए। अक्टूबर 2013 में फ्लिपकार्ट ने टाइगर, ड्रैगनीर, वल्कन कैपिटल, मार्गन स्टैनले और सोफिना से 160 मिलियन डॉलर जुटाए थे।
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