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प्रीमियम ट्रेनों में फ्लेक्सी फेयर से हो रहा फायदा, देश की 168 ट्रेन में लागू है यह व्यवस्था

फ्लेक्सी फेयर से रेलवे को नुकसान के बजाय फायदा हुआ है। इसलिए इन्हें समाप्त करने का कोई औचित्य उन्हें नजर नहीं आता है

By Surbhi JainEdited By: Published: Wed, 22 Aug 2018 09:30 AM (IST)Updated: Thu, 23 Aug 2018 06:59 AM (IST)
प्रीमियम ट्रेनों में फ्लेक्सी फेयर से हो रहा फायदा, देश की 168 ट्रेन में लागू है यह व्यवस्था
प्रीमियम ट्रेनों में फ्लेक्सी फेयर से हो रहा फायदा, देश की 168 ट्रेन में लागू है यह व्यवस्था

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। प्रीमियम ट्रेनों में लागू फ्लेक्सी फेयर से राजस्व में हो रही बढ़ोतरी तथा वित्तीय दबाव के मद्देनजर रेल मंत्रालय फिलहाल इसे खत्म करने के पक्ष में नहीं है। इसके संकेत रेल मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने दिए हैं।

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पत्रकारों के साथ अनौपचारिक चर्चा में अधिकारियों का कहना था कि फ्लेक्सी फेयर प्रणाली सिर्फ 168 ट्रेनों में लागू है। भारतीय रेल द्वारा चलाई जा रही 22 हजार ट्रेनों के मुकाबले यह संख्या नगण्य है। ये वे प्रीमियम ट्रेनें हैं जिनका उपयोग सक्षम वर्ग करता है। गरीबों को सुविधा के लिए सक्षम वर्ग को कुछ अतिरिक्त खर्च करने में दिक्कत नहीं होनी चाहिए। अध्ययन से पता चला है कि फ्लेक्सी फेयर से रेलवे को नुकसान के बजाय फायदा हुआ है। इसलिए इन्हें समाप्त करने का कोई औचित्य उन्हें नजर नहीं आता है। वैसे भी वेतन और पेंशन मद में खर्च बढ़ने से रेलवे आर्थिक दबाव की स्थिति में है। ऐसे में किराया राजस्व में लाभदायक स्थिति को बनाए रखने, गैर-किराया राजस्व में बढ़ोतरी और खर्चो में कमी के अलावा कोई चारा नहीं है।

5000 किमी ट्रैक के नवीनीकरण का लक्ष्य

अभी जिस रफ्तार से पुराने ट्रैक के नवीनीकरण के लंबित काम पूरे हो रहे हैं, उसे देखते हुए अगले वर्ष से बैकलॉग समाप्त हो जाएगा। पिछले वर्ष 4000 किमी ट्रैक का नवीनीकरण हुआ था, जबकि इस वर्ष 5000 किमी का लक्ष्य है। इसी प्रकार दोहरीकरण के सभी काम अगले पांच वर्ष में पूरे कर लिए जाएंगे। पहली बार दक्षिण भारत को उत्तर से जोड़ने वाली सभी प्रमुख लाइनों का दोहरीकरण पूरा हो गया है।

लेटलतीफी रोकने को जीपीएस

ट्रेनों का सही समय दर्ज करने के लिए डाटा लॉगर के उपयोग के निर्णय के बाद शुरू में समय पालन में गिरावट आई थी, लेकिन बाद में धीरे-धीरे सुधार हुआ और अब 73 फीसद से ज्यादा ट्रेनें समय पर चलने लगी हैं। इसमें और सुधार के लिए इंजनों में जीपीएस उपकरण लगाने का निर्णय लिया गया है। लगभग दस हजार ट्रेनों में जीपीएस उपकरण लगाए जाएंगे।

68 प्रीमियम ट्रेनों में लगे सीसीटीवी

स्टेशनों और ट्रेनों में यात्रियों खासकर महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए निर्भया फंड के तहत 6000 रेलवे स्टेशनों में सीसीटीवी लगाने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा सभी प्रमुख ट्रेनों में भी सीसीटीवी लगाए जाएंगे, इसकी शुरुआत 168 प्रीमियम ट्रेनों से होगी।


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