Fitch ने 8 साल बाद भारत के आउटलुक को किया नेगेटिव, कहा- कोरोना वायरस के कारण देश की ग्रोथ पर पड़ा भारी असर
Fitch Ratings के अनुसार कोरोना वायरस महामहारी के चलते भारत की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा है। जिससे मौजूदा साल के लिए ग्रोथ आउटलुक कमजोर हुआ है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने भारत के ग्रोथ आउटलुक को रिवाइज करते हुए निगेटिव कर दिया है। इसके पहले फिच ने भारत के लिए स्टेबल आउटलुक की बात कही थी। फिच ने आठ साल बाद भारत के आउटलुक को नेगेटिव किया है। एजेंसी ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा है। हालांकि, रेटिंग एजेंसी ने भारत के लिए पहले की ही तरह 'BBB-' रेटिंग बरकरार रखी है।
इसके पहले रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भी ग्रोथ आउटलुक को घटा दिया था। मूडीज ने भारत की सॉवरेन रेटिंग को ‘Baa2’ से घटाकर ‘Baa3’ कर दिया। साथ ही एजेंसी ने देश के लिए निगेटिव आउटुलक बरकरार रखा है।
एजेंसी ने एक बयान में कहा कि कोरोनावायरस महामारी की वजह से इस साल भारत का ग्रोथ आउटलुक कमजोर हुआ है। भारत सरकार के सामने कर्ज की बड़ी चुनौती है। एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2021 खत्म होते-होते भारत की आर्थिक गतिविधियों की ग्रोथ -5 फीसद तक आ जाएगी। 25 मार्च को लॉकडाउन के बाद देश में करीब 60 दिनों तक आर्थिक गतिविधियां बंद थीं। वहीं, वित्त वर्ष 2022 में देश की आर्थिक गतिविधियों की ग्रोथ 9.5 फीसद तक रह सकती है।
फिच का कहना है कि जिस तरह से देश में कोविड 19 के मामले बढ़ रहे हैं, रिस्क भी बढ़ रहा है। इन बातों का ध्यान रखते हुए रेटिंग रिवाइज की गई है। फिच के अनुमान के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021 में सरकार कर्ज GDP का 84.5 फीसद हो सकता है। वित्त वर्ष 2020 में यह GDP का 71 फीसद था। जबकि 2019 में इसका आंकड़ा GDP का 42.2 फीसद था।
फिच रेटिंग के अनुसार, कोरोना वायरस महामहारी के चलते भारत की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा है। जिससे मौजूदा साल के लिए ग्रोथ आउटलुक कमजोर हुआ है। महामारी के चलते कई तरह की चुनौतियां सामने आई हैं। कर्ज का बोझ बढ़ गया है।