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Fitch Ratings ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की GDP Growth के पूर्वानुमान को घटाकर 10 फीसद किया

रेटिंग एजेंसी ने अपने पूर्वानुमान को घटाकर 10 फीसद कर दिया है। रेटिंग एजेंसी ने कोविड-19 की दूसरी लहर के बाद धीमी रिकवरी के चलते पूर्वानुमान को घटाया है। एजेंसी ने कहा कि तेज टीकाकरण से व्यापार और उपभोक्ता विश्वास में एक स्थायी पुनरुद्धार के लिए सपोर्ट मिल सकता है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Wed, 07 Jul 2021 02:57 PM (IST)Updated: Wed, 07 Jul 2021 03:21 PM (IST)
Fitch Ratings Cut India Growth Forecast P C : Flickr

नई दिल्ली, पीटीआइ। Fitch Ratings ने बुधवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के ग्रोथ पूर्वानुमान को घटा दिया है। फिच रेटिंग्स ने पहले चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था के 12.8 फीसद की दर से ग्रोथ करने का पूर्वानुमान जारी किया था। रेटिंग एजेंसी ने बुधवार को अपने इस पूर्वानुमान को घटाकर 10 फीसद कर दिया है। रेटिंग एजेंसी ने कोविड-19 की दूसरी लहर के बाद धीमी रिकवरी के चलते पूर्वानुमान को घटाया है। एजेंसी ने कहा कि तेज टीकाकरण से व्यापार और उपभोक्ता विश्वास में एक स्थायी पुनरुद्धार के लिए सपोर्ट मिल सकता है।

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वैश्विक रेटिंग एजेंसी ने एक रिपोर्ट में कहा कि मार्च 2022 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष (FY22) की पहली तिमाही में कोरोना वायरस महामारी की अधिक घातक दूसरी लहर के कारण बैंकिंग क्षेत्र के लिए चुनौतियां बढ़ गई हैं।

रेटिंग एजेंसी ने कहा, 'फिच रेटिंग्स वित्त वर्ष 2022 के लिए भारत की वास्तविक जीडीपी ग्रोथ के पूर्वानुमान को 280 आधार अंक घटाकर 10 फीसद करती है।' एजेंसी ने कहा कि वह मानती है कि नए प्रतिबंधों ने रिकवरी के प्रयासों को धीमा किया है और बैंकों को वित्त वर्ष 2022 में व्यापार और राजस्व सृजन के लिए एक मामूली खराब दृष्टिकोण के साथ छोड़ दिया है।

रेटिंग एजेंसी का मानना है कि टिकाकरण में तेजी से व्यापार में स्थायी पुनरुद्धार और उपभोक्ता विश्वास को सपोर्ट मिल सकता है। इसके बिना आर्थिक सुधार आगे की लहरों और लॉकडाउन से प्रभावित होगा।

बता दें कि हाल ही में S&P Global Ratings ने भी चालू वित्त वर्ष (2021-22) के लिए भारत के विकास दर से जुड़े अनुमान को कम किया है। रेटिंग एजेंसी ने ग्रोथ अनुमान को घटाकर 9.5 फीसद कर दिया है। इससे पहले रेटिंग एजेंसी ने 11 फीसद की विकास दर का अनुमान लगाया था। S&P Global Ratings ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर से जुड़े पूर्व के अनुमानों को संशोधित करने के साथ-साथ इस बात को लेकर आगाह भी किया कि कोविड-19 महामारी की और लहर आने से विकास दर से जुड़े परिदृश्य को लेकर जोखिम पैदा हो सकता है।


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