Fiscal Deficit: जुलाई में ही वार्षिक बजट अनुमान को पार कर गया राजकोषीय घाटा, जानें क्या रही वजह
Fiscal Deficit वित्त वर्ष 2019- 20 में राजकोषीय घाटा देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मुकाबले सात साल के उच्च स्तर 4.6 फीसद पर पहुंच गया था।
नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों (अप्रैल-जुलाई) के दौरान ही पूरे साल के बजट अनुमान के आंकड़े को पार कर गया। कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन की वजह से राजस्व संग्रह में कमी के चलते राजकोषीय घाटा पूरे वर्ष के लक्ष्य के ऊपर चला गया है। कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट्स (CGA) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल-जुलाई के दौरान राजकोषीय घाटा वार्षिक लक्ष्य के 103.1 फीसद या 8,21,349 करोड़ रुपये पर रहा। पिछले साल की समान अवधि में यह वार्षिक लक्ष्य के 77.8 फीसद पर था। सरकार की आमदनी और खर्च के बीच के अंतर को राजकोषीय घाटा कहते हैं। पिछले साल अक्टूबर में राजकोषीय घाटा सालाना लक्ष्य के पार निकल गया था।
(यह भी पढ़ेंः GDP Growth Rate पर कोविड की मार, जून तिमाही में आर्थिक विकास दर (-) 23.9 फीसद पर)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2020- 21 के बजट में राजकोषीय घाटे के 7.96 लाख करोड़ रुपये यानी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.5 फीसद पर रहने का अनुमान लगाया था। हालांकि, कोरोना वायरस महामारी के प्रसार से उत्पन्न स्थिति को देखते हुए इन आंकड़ों में संशोधन किया गया। उल्लेखनीय है कि कोराना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन की वजह से आर्थिक गतिविधियां बाधित हुईं। केन्द्र सरकार ने 25 मार्च, 2020 से पूरे देश में लॉकडाउन लागू किया था। वहीं, इस साल मई से लॉकडाउन से जुड़ी पाबंदियों में धीरे- धीरे ढील दी गई।
वित्त वर्ष 2019- 20 में राजकोषीय घाटा देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मुकाबले सात साल के उच्च स्तर 4.6 फीसद पर पहुंच गया था। पिछले वित्त वर्ष के दौरान राजस्व प्राप्ति कमजोर रही। इस साल मार्च आते-आते सरकारी आमदनी और कमजोर पड़ गई।
CGA के आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष के शुरुआती चार माह (अप्रैल-जुलाई) के दौरान सरकार की राजस्व प्राप्ति 2,27,402 करोड़ रुपये रही। यह राशि वर्ष के बजट के वार्षिक लक्ष्य का 11.3 फीसद के आसपास है। पिछले साल इसी अवधि में कुल राजस्व प्राप्ति बजट अनुमान के 19.5 फीसद पर रही थी।