बैंकों में सरकारी हिस्सेदारी 52 फीसद तक घटाने की तैयारी
वित्त मंत्रालय ने बेहतरीन कॉरपोरेट प्रैक्टिस लाने के लिए सरकारी बैंकों से सरकारी हिस्सेदारी क्रमश: घटाकर 52 फीसद पर लाने को कहा है।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वित्त मंत्रालय ने बेहतरीन कॉरपोरेट प्रैक्टिस लाने के लिए सरकारी बैंकों से सरकारी हिस्सेदारी क्रमश: घटाकर 52 फीसद पर लाने को कहा है। वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सरकार अनिवार्य रूप से सबसे बड़ी हिस्सेदार है। हिस्सेदारी बेहतरीन कॉरपोरेट प्रैक्टिस के लिए अनिवार्य स्तर पर रखने की जरूरत है।
पहले चरण में बैंकों में सरकारी हिस्सेदारी घटाकर 52 फीसद के स्तर तक घटाने की आवश्यकता है। जब भी बाजार की स्थितियां अनुकूल हों, बैंकों को इस दिशा में कदम उठाने चाहिए। इसके लिए उन्हें अनुमति दी जा चुकी है। सरकारी हिस्सेदारी घटने पर बैंकों को मार्केट रेगुलेटर के नियम के मुताबिक आम जनता की हिस्सेदारी 25 फीसद करने में मदद मिलेगी। कुछ बैंकों में सरकारी हिस्सेदारी 75 फीसद से भी ज्यादा है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सरकारी हिस्सेदारी घटाने के लिए आम जनता को शेयर जारी किए जाएंगे तो बैंकों की पूंजी का आधार मजबूत होगा और वे पूंजी संबंधी मानकों को पूरा कर सकेंगे। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने क्वालीफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआइपी) के जरिये 20,000 करोड़ रुपये के शेयर जारी करने के लिए प्रक्रिया शुरू की है।