घाटे की भरपाई के लिए नोट छापने के पक्ष में गोयल
गोयल ने कहा कि मैंने सुना है कि अमेरिका सिर्फ नोट छाप कर ही वित्तीय घाटे की भरपाई कर लेता है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को नोट छापकर बजटीय घाटे की भरपाई करने का पक्ष लिया। इसके लिए उन्होंने अमेरिका का उदाहरण दिया। इस महीने के शुरू में ही गोयल ने अंतरिम बजट 2019-20 पेश किया है। बजट में किसानों के हित के लिए बड़ी घोषणाएं की गई हैं और मध्य वर्ग के लिए टैक्स में बड़ी छूट भी दी गई है। इससे बजटीय घाटा बढ़ने की आशंका है। बजट में चालू वित्त वर्ष के लिए वित्तीय घाटे के अनुमान को बढ़ाकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.4 फीसद कर दिया गया है।
गोयल ने सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसपीएमसीआइएल) के स्थापना दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि वित्त मंत्री के रूप में हमें पैसे की हमेशा जरूरत रहती है। उन्होंने हालांकि यह भी याद दिलाया कि वित्तीय जवाबदेही और बजट प्रबंधन कानून (एफआरबीएम), 2003 को अटल बिहारी बाजपेयी की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने ही लागू किया था। इस कानून में एक संतुलित बजट के जरिये वित्तीय अनुशासन बनाने, वित्तीय घाटा कम करने और आर्थिक प्रबंधन तथा सरकारी धन के समग्र प्रबंधन में सुधार करने का प्रावधान किया गया है।
गोयल ने कहा कि मैंने सुना है कि अमेरिका सिर्फ नोट छाप कर ही वित्तीय घाटे की भरपाई कर लेता है। उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि एक वित्त मंत्री के रूप में उन्हें बड़ी खुशी होती, यदि उन्हें उत्पादन और लाभ दोनों ही मोर्चो पर एसपीएमसीआइएल के हाल के प्रदर्शन के बारे में पहले जानकारी मिल गई होती।
केंद्र और राज्य सरकारों को नोट, सिक्के और सिक्योरिटी डॉक्यूमेंट उपलब्ध कराने वाली एसपीएमसीआइएल ने पिछले साल 630 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया था। इसमें से 200 करोड़ रुपये उसने सरकार को लाभांश भी दिया।