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रबी की बोआई के लिए फर्टिलाइजर की ज्यादा रह सकती है मांग, रकबे में है वृद्धि का अनुमान

सभी राज्यों से रबी फसलों की खेती के बारे में उनकी जरूरतें मांगी गई थी। हालांकि रबी सीजन की तैयारी बैठक में डीएपी खाद की मांग 51.6 लाख टन रहने का का अनुमान किया गया है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Thu, 26 Sep 2019 08:19 AM (IST)Updated: Thu, 26 Sep 2019 08:20 AM (IST)
रबी की बोआई के लिए फर्टिलाइजर की ज्यादा रह सकती है मांग, रकबे में है वृद्धि का अनुमान
रबी की बोआई के लिए फर्टिलाइजर की ज्यादा रह सकती है मांग, रकबे में है वृद्धि का अनुमान

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। मानसून की अच्छी बारिश और मिट्टी में पर्याप्त नमी के चलते रबी सीजन की फसलों की बोआई जहां पहले शुरू हो सकती है, वहीं रकबा में भी वृद्धि का अनुमान है। इसके मद्देनजर रबी सीजन में फर्टिलाइजर की मांग अधिक होने की संभावना है। फर्टिलाइजर उद्योग ने आगामी सीजन की खेती की जरूरतों को भांपकर ही खाद की आपूर्ति बढ़ाने की तैयारी कर ली है। पिछले सप्ताह राजधानी दिल्ली में राज्यों के कृषि मंत्रियों व सचिवों की बुलाई बैठक में रबी सीजन की तैयारियों पर लंबी चर्चा हुई।

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सभी राज्यों से रबी फसलों की खेती के बारे में उनकी जरूरतें मांगी गई थी। हालांकि, रबी सीजन की तैयारी बैठक में डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) खाद की मांग 51.6 लाख टन रहने का का अनुमान किया गया है। डीएपी की यह मांग पिछले साल के इसी सीजन में 46 लाख टन थी। फर्टिलाइजर कंपनियों ने मांग में इस बढ़ोतरी को भांपकर ही 50 लाख टन से अधिक एनपीके मिश्रित खाद का स्टॉक कर रखा है, जो पिछले साल के रबी सीजन की मांग के मुकाबले तकरीबन 17 फीसद अधिक है।

यानी इस बार किसी भी तरह से किसानों को फर्टिलाइजर की किल्लत नहीं झेलनी पड़ेगी। मानसून सीजन में जुलाई से लेकर लगातार सितंबर के आखिर तक हो रही बारिश के मद्देनजर फर्टिलाइजर कंपनियों ने खाद का पर्याप्त स्टॉक कर लिया है। उनका मानना है कि सरकारी आकलन के मुकाबले मांग के अधिक रहने की संभावना है। इस साल खेती के लिए सभी तरह के फर्टिलाइजर में दो से तीन फीसद की वृद्धि हो सकती है। लेकिन एक बात उल्लेखनीय है कि चालू खरीफ सीजन में पिछले साल के इसी सीजन के मुकाबले खाद की मांग में अनपेक्षित कमी दर्ज की गई है।

रबी तैयारी बैठक में कृषि राज्यमंत्री परसोतम रुपाला ने खरीफ सीजन के दौरान कई राज्यों से यूरिया की कमी का उल्लेख करते हुए राज्यों को रबी सीजन की तैयारी को पुख्ता बनाने की हिदायत दी थी। उन्होंने कहा कि सीजन शुरू होने से पहले ही खाद व बीजों की आपूर्ति राज्यों के निर्धारित केंद्रों तक पहुंचा दी जानी चाहिए। बोआई के दौरान समय से पहले आपूर्ति सुनिश्चित कर देना ही आपूर्ति में किसी तरह की बाधा से बचने का सबसे अच्छा तरीका है ।


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