प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में तेजी, अप्रैल अगस्त में 16 फीसद बढ़कर 27.1 अरब डॉलर रहा
उन्होंने कहा कि पिछले छह साल में एफडीआई 55 फीसद बढ़ा। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अगस्त के दौरान कोविड-19 संकट के बावजूद एफडीआई प्रवाह 13 फीसद बढ़ा। किसी एक वित्त वर्ष के पहले पांच महीने में यह सर्वाधिक है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। देश में इस साल अप्रैल-अगस्त के दौरान प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 16 फीसद बढ़कर 27.1 अरब डॉलर रहा। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने कहा कि पिछले साल अप्रैल-अगस्त के दौरान देश में 23.35 अरब डॉलर का निवेश आया था। मंत्रालय के बयान के मुताबिक, कमाई को फिर से किये गये निवेश को मिलाकर कुल एफडीआई आलोच्य अवधि में 13 फीसद बढ़कर 35.73 अरब डॉलर रहा।
बयान के अनुसार, 'किसी वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में यह अबतक का सर्वाधिक एफडीआई है और 2019-20 के पहले पांच महीनों की तुलना में 13 फीसद अधिक है। वित्त वर्ष 2019-20 के पहले पांच महीनों में यह 31.60 अरब डॉलर था।' कुल एफडीआई प्रवाह 2008 से 2014 में 231.37 अरब डॉलर की तुलना में 2014 से 2020 में 55 फीसद उछलकर 358.29 अरब डॉलर रहा।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ट्विटर पर लिखा है, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की अगुवाई में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिये भारत एक पसंदीदा गंतव्य है।' उन्होंने कहा कि पिछले छह साल में एफडीआई 55 फीसद बढ़ा। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अगस्त के दौरान कोविड-19 संकट के बावजूद एफडीआई प्रवाह 13 फीसद बढ़ा। किसी एक वित्त वर्ष के पहले पांच महीने में यह सर्वाधिक है।
मंत्रालय ने कहा, 'एफडीआई आर्थिक वृद्धि को गति देने वाला प्रमुख तत्व है और बिना कर्ज के वित्त का महत्वपूर्ण स्रोत है। सरकार का यह प्रयास रहा है कि एफडीआई नीति सुगम और निवेशकों के अनुकूल हो। एफडीआई को निवेशक अनुकूल बनाने के साथ यह भी कोशिश रही कि नीतिगत बाधाओं को दूर किया जाए, जो देश में निवेश प्रवाह को बाधित कर रहे थे।'
बयान के अनुसार पिछले छह साल में इस दिशा में उठाये गये कदमों के कारण ही एफडीआई में अच्छी वृद्धि हुई। मंत्रालय के अनुसार एफडीआई के मामले में नीतियों में सुधार, निवेश को सुगम बनाने तथा कारोबार सुगमता के लिये उठाये गये कदमों से देश में एफडीआई प्रवाह बढ़ा है।