साल 2020 में महामारी के चलते प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में घटा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, भारत में रही 13 फीसद की बढ़ोत्तरी: UN
FDI in India यूनाइटेड नेशंस कांफ्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवलपमेंट (UNCTAD) द्वारा जारी ‘इन्वेस्टमेंट ट्रेंड्स मॉनिटर’ रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक विदेशी प्रत्यक्ष निवेश में साल 2020 में 42 फीसद की भारी गिरावट दर्ज की गई।
नई दिल्ली, पीटीआइ। कारोना वायरस महामारी के बावजूद पिछला साल एफडीआई के लिए अच्छा रहा है। साल 2020 में भारत में आने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में 13 फीसद की बढ़ोत्तरी हुई है। पिछले साल डिजिटल क्षेत्र में निवेशकों ने अच्छी रुची दिखाई है। जबकि पिछले साल कोरोना वायरस महामारी के चलते यूके, यूएस और रूस जैसी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में निवेश तेजी से घटा है। भारत और चीन इस मामले में इन प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में बेहतर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र ने एक रिपोर्ट में यह बात कही।
यूनाइटेड नेशंस कांफ्रेंस आन ट्रेड एंड डेवलपमेंट (UNCTAD) द्वारा जारी ‘इन्वेस्टमेंट ट्रेंड्स मॉनिटर’ रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक विदेशी प्रत्यक्ष निवेश में साल 2020 में 42 फीसद की भारी गिरावट दर्ज की गई। अनुमान के अनुसार, साल 2019 के 1.5 लाख करोड़ डॉलर से गिरकर यह 859 अरब डॉलर रहा। इससे पहले साल 1990 में एफडीआई इनफ्लो में ऐसी गिरावट देखी गई थी। वहीं, साल 2008-09 की वैश्विक मंदी के समय भी एफडीआई निवेश 30 फीसद से ज्यादा गिर गया था। एफडीआई निवेश में गिरावट विकसित देशों में देखी गई, जहां निवेश 69 फीसद गिरकर लगभग 229 अरब डॉलर पर आ गया।
कोरोना वायरस महामारी के बीच डिजिटल सेक्टर में अच्छे निवेश के कारण भारत में एफडीआई पिछले साल 13 फीसदी बढ़ा। भारत का एफडीआई निवेश साल 2020 में 57 अरब डॉलर रहा। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में दुनिया का सर्वाधिक एफडीआई निवेश हुआ। यह करीब 4 फीसद की बढ़त के साथ 163 अरब डॉलर रहा।
तुलनात्मक रूप से देखें तो यूके, इटली, रूस, जर्मनी, ब्राजील और यूएस में कोरोना महामारी के बीच एफडीआई इनफ्लो घटा है। वहीं, दक्षिण एशिया में एफडीआई निवेश 10 फीसद की बढ़ोत्तरी के साथ 65 अरब डॉलर रहा। रिपोर्ट के अनुसार, क्रास बॉर्डर मर्जर एंड एक्वीजिशन (M&A) सेल्स 83 फीसद की बढ़त के साथ 27 अरब डॉलर पहुंच गई।