ज्यादा चीनी उत्पादन और सुस्त भाव ने बढ़ाया गन्ना किसानों का बकाया
चालू पेराई सीजन में गन्ना किसानों का बकाया बढ़कर 7826 करोड़ तक पहुंच गया है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। चीनी के अधिक उत्पादन और घरेलू बाजार में इसके दाम घटने से चीनी उद्योग मुश्किल में है। चीनी आयात की छूट ने उद्योग की हालत को और पस्त कर दिया है। यही वजह है कि चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का बकाया बढ़कर साढ़े सात हजार करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। हालांकि उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों का बकाया पिछले साल के मुकाबले काबू में है।
चालू पेराई सीजन में गन्ना किसानों का बकाया बढ़कर 7826 करोड़ तक पहुंच गया है। इसमें उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों की हिस्सेदारी पौने दो हजार करोड़ रुपये से अधिक है। सहकारी मिलों पर दो सौ करोड़ और बाकी निजी चीनी मिलों पर बकाया है। उत्तर प्रदेश सरकार मिलों पर पूरा भुगतान कराने का दबाव बनाए हुए है। राष्ट्रीय स्तर पर पिछले साल इस समय तक चीनी मिलों पर कुल बकाया 8982 करोड़ रुपये हो गया था।
गन्ने का अधिक रकबा होने और चीनी के मूल्य में संतोषजनक वृद्धि न होने से बाजार सुस्त चल रहा है। इसके चलते चीनी मिलों को खासी मुश्किलें पेश आ रही हैं। केंद्रीय खाद्य मंत्रालय का कहना है कि चालू पेराई सीजन में गन्ना पेराई तेजी से हो रही है। आने वाले दिनों में चीनी व अन्य सह उत्पादों की बिक्री होने के साथ ही भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक चालू सीजन 2017-18 में चीनी का उत्पादन बढ़कर लगभग 2.5 करोड़ टन पर पहुंच सकता है। चीनी उत्पादन का यह आंकड़ा पिछले सीजन के 2.02 करोड़ टन के मुकाबले अधिक होगा।