नौ फीसद की विकास दर से दूर की जा सकती है देश से गरीबी: सी. रंगराजन
दक्षिण कोरिया ने तीन दशकों तक सात-आठ फीसद विकास दर रखकर गरीबी और दूसरी समस्याएं खत्म करने में सफलता हासिल की है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी. रंगराजन ने कहा है कि देश में गरीबी और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को सुलझाने के लिए अगले दो दशकों तक आर्थिक विकास की रफ्तार आठ-नौ फीसद रहने की जरूरत है। इसके साथ ही उन्होंने इस पर जोर दिया कि विकास की इस यात्रा में समाज के गरीब तबके को जोड़ना और उनका खयाल रखना चाहिए।
यहां एक कार्यक्रम में रंगराजन ने दक्षिण कोरिया का उदाहरण देते हुए कहा कि तीन दशकों तक सात-आठ फीसद विकास दर रखकर उसने अपने यहां से गरीबी और दूसरी समस्याएं खत्म करने में सफलता हासिल की। अब वह बेहतर शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाएं दे पाने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि अपने देश में भी इन समस्याओं को जड़ से मिटाने के लिए दो दशकों तक आठ-नौ फीसद विकास दर रखनी होगी। हालांकि लगातार इतनी विकास दर बनाए रखना मुश्किल हो सकता है। उनके अनुसार औद्योगिक देशों में पहले विकास हुआ। इसके बाद सामाजिक सुरक्षा के प्रावधान मजबूत हुए। जिससे गरीबी और स्वास्थ्य जैसी समस्याएं दूर हो पाईं।
रंगराजन ने कहा कि 21वीं सदी में ऐसा संभव नहीं है। अब विकास के साथ ही दूसरे बिंदुओं पर ध्यान देने की जरूरत है। विकास की यात्रा में ही गरीब और पिछड़े वर्गों को शामिल करना होगा और उनका खयाल रखना होगा। उन्होंने इस पर जोर दिया कि तेज विकास दर के साथ सामाजिक सुरक्षा के लिए ज्यादा पैसा खर्च किया जाना चाहिए। तेज विकास के दौर में ही राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार स्कीम जैसी योजनाएं चालू की गईं।
अगले वित्त वर्ष में तेज होगी आर्थिक विकास दर
जीएसटी लागू होने से उत्पन्न व्यवधान दूर होने, कारोबारी गतिविधियां सामान्य होने और उपभोग बढ़ने के कारण अगले वित्त वर्ष में विकास दर तेज हो सकती है। कोटक इकोनॉमिक रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में संकेत दिया है कि अगले वित्त वर्ष में विकास दर 7.1 फीसद रह सकती है।
धीरे-धीरे विकास की दर सुधर रही है। पिछले दो साल से चक्रीय और बुनियादी बाधाओं में फंसी अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ने लगी है। रिपोर्ट के अनुसार आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने के अलावा सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें राज्यों में भी लागू होने से खपत सुधरेगी। ग्लोबल स्तर पर अर्थव्यवस्था में सुधार होने से भी घरेलू विकास दर को समर्थन मिलेगा।