EPFO: वित्त वर्ष 2023-24 में 19 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 1.65 करोड़ पहुंची ईपीएफओ सदस्यों की संख्या
वित्त वर्ष 2023-24 में नए रजिस्ट्रेशन में सालाना आधार पर 19 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की है। इसके साथ ही मेंबर्स की संख्या 1.65 करोड़ हो गई है। डेटा से पता चलता है कि ईपीएफओ ने 2018-19 में 61.12 लाख शुद्ध ग्राहक जोड़े थे जो 2019-20 में बढ़कर 78.58 लाख हो गए। इसके साथ ही 2023-24 में नए मेंबर 19 प्रतिशत से बढ़कर 1.65 करोड़ हो गए।
पीटीआई, नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में नए रजिस्ट्रेशन में सालाना आधार पर 19 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की है। इसके साथ ही मेंबर्स की संख्या 1.65 करोड़ हो गई है। इससे संकेत मिलते हैं कि देश में रोजगार की स्थित सुधरी है।
श्रम मंत्रालय के एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि पिछले साढ़े छह साल में ही 6.1 करोड़ से अधिक सदस्य ईपीएफओ (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) से जुड़े हैं।
डेटा से पता चलता है कि ईपीएफओ ने 2018-19 में 61.12 लाख शुद्ध ग्राहक जोड़े थे, जो 2019-20 में बढ़कर 78.58 लाख हो गए। हालाँकि, 2020-21 में यह घटकर 77.08 लाख हो गया, जिसका मुख्य कारण कोरोना महामारी थी।
कोरोना काल में कम हुई थी EPFO मेंबर की संख्या
इसके बाद 2021-22 में फिर से सुधरकर 1.22 करोड़ और 2022-23 में 1.38 करोड़ हो गया। अधिकारी ने बताया कि ईपीएफओ ने 2022-23 में 1.38 करोड़ मेंबर जोड़े और 2023-24 में नए मेंबर 19 प्रतिशत से बढ़कर 1.65 करोड़ हो गए।
अधिकारी ने आगे बताया कि कोविड-19 महामारी के कारण देशव्यापी लॉकडाउन के चलते ईपीएफओ के सदस्यों की संख्या में गिरावट आई थी। महामारी खत्म होने के बाद प्रतिबंधों में ढील मिलने और इकोनॉमी ओपन होने के साथ सदस्यों की संख्या में फिर से तेजी देखने को मिली।
यह भी पढ़ें: Nestle Controversy: नेस्ले इंडिया की बढ़ेंगी मुश्किलें, CCPA और NCPRC ने की FSSAI से जांच की मांग, जानिए शेयर का हाल