2.5 लाख रुपये से अधिक के EPF योगदान पर रखना होगा 2 पीएफ खाता, जानिए नए नियम
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल बजट में घोषणा की थी कि एक वित्तीय वर्ष में 2.5 लाख रुपये से अधिक का पीएफ योगदान कर योग्य होगा। इसके बाद सभी मौजूदा ईपीएफ खातों को टैक्सेबल और नन-टैक्सेबल खातों में बांट दिया जाएगा।
नई दिल्ली, आइएएनएस। कर्मचारी भविष्य निधि और स्वैच्छिक भविष्य निधि (VPF) में प्रति वित्तीय वर्ष 2.5 लाख रुपये से अधिक के योगदान वाले लोगों के पास अब दो अलग-अलग पीएफ खाते होंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल बजट में घोषणा की थी कि एक वित्तीय वर्ष में 2.5 लाख रुपये से अधिक का पीएफ योगदान कर योग्य होगा। इसके बाद हाल ही में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने अतिरिक्त ईपीएफ योगदान पर ब्याज के कराधान के नियमों को अधिसूचित किया।
इसमें कहा गया कि उप-नियम (1) के तहत पीएफ अकाउंट में जमा आपकी रकम पर मिलने वाले ब्याज की गणना करने के लिए उसी खाते में एक अलग से खाता खोला जाएगा। इसके बाद सभी मौजूदा ईपीएफ खातों को टैक्सेबल और नन-टैक्सेबल खातों में बांट दिया जाएगा।
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इसका मतलब यह है कि वित्त वर्ष 2022 तक पीएफ खातों में अब तक किए गए सभी योगदान जिसमें वित्त वर्ष 2020 में किए गए 2.5 लाख रुपये तक के योगदान शामिल हैं को एक खाते में रखा जाएगा, जहां कोई कर नहीं लगाया जाएगा, जैसा कि पीएफ के साथ होता है। यहां योगदान, ब्याज और निकासी, सभी कर मुक्त हैं। लेकिन वित्त वर्ष 22 में प्रत्येक ग्राहक के लिए एक और पीएफ खाता खोला जाएगा, जहां चालू वर्ष और उसके बाद के वर्षों में किए गए 2.5 लाख रुपये से अधिक का योगदान रखा जाएगा। यह कर योग्य खाता होगा जिसका अर्थ है कि इस योगदान पर अर्जित ब्याज कर के अधीन होगा। ये नियम 1 अप्रैल 2022 से प्रभावी होंगे।
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