पहले इश्यू में 222 करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बांड की हुई बिक्री, सरकार ने दी जानकारी
इलेक्टोरल बांड स्कीम की पहली सीरीज में 9 मार्च, 2018 तक 222 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारत में 222 करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बांड की बिक्री शुरू हो चुकी है। यह जानकारी शुक्रवार को सरकार ने संसद में दी है। सरकार का मानना है कि चुनावी बांड से राजनीतिक चंदे की प्रक्रिया काफी हद तक पारदर्शी हो जाएगी। इन बांड की पहली सीरीज की बिक्री 10 मार्च तक ही उपलब्ध थी।
वित्त राज्यमंत्री पी राधाकृष्णन ने लोकसभा के एक लिखित जवाब में बताया कि स्कीम की पहली सीरीज में 9 मार्च, 2018 तक 222 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राजनीतिक पार्टियों को मिलने वाले चंदे की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए रखने के उदेश्य से आम बजट 2017-18 में इलेक्टोरल बांड योजना पेश की थी। डेट इंट्रूमेंट्स के विपरीत बांड के माध्यम से डोनर किसी भी राजनीतिक पार्टी को चंदा दे सकते हैं, जिसमें बैंक इंटरमीडियरी के रूप में काम करेंगे।
सरकार का मानना है कि चुनावी बांड से राजनीतिक चंदे की प्रक्रिया काफी हद तक पारदर्शी हो जाएगी। चुनावी बांड के सिक्योरिटी फीचर बिल्कुल करेंसी नोट की तरह होंगे। इसकी छपाई शुरू हो गई है। राजग सरकार ने 2001 में एक अहम सुधार करते हुए चेक से राजनीतिक चंदा देने वालों को टैक्स में छूट देने की पहल की थी। कुछ राजनीतिक दलों को चेक से चंदा मिलना शुरू हुआ लेकिन आज भी अज्ञात स्रोत से चंदा अधिक आ रहा है। इस व्यवस्था को बदलने के लिए ही सरकार ने चुनावी बांड की वैकल्पिक व्यवस्था बनाई है।