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स्पेक्ट्रम मूल्य पर सरकार देगी 50 फीसद तक छूट!

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। दो महीने पहले स्पेक्ट्रम बिक्री के फ्लाप होने से सबक सीखते हुए केंद्र सरकार अब स्पेक्ट्रम की कीमत में 50 फीसद तक छूट देने पर विचार कर रही है। इस बारे में अंतिम फैसला तो कैबिनेट में होगा, लेकिन स्पेक्ट्रम आवंटन पर गठित अधिकारप्राप्त मंत्रिसमूह (ईजीओएम) की बैठक में इसकी निर्धारित कीमत घटाने पर सहमति बन गई। दूर

By Edited By: Published: Mon, 07 Jan 2013 08:41 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
स्पेक्ट्रम मूल्य पर सरकार देगी 50 फीसद तक छूट!

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। दो महीने पहले स्पेक्ट्रम बिक्री के फ्लाप होने से सबक सीखते हुए केंद्र सरकार अब स्पेक्ट्रम की कीमत में 50 फीसद तक छूट देने पर विचार कर रही है। इस बारे में अंतिम फैसला तो कैबिनेट में होगा, लेकिन स्पेक्ट्रम आवंटन पर गठित अधिकारप्राप्त मंत्रिसमूह (ईजीओएम) की बैठक में इसकी निर्धारित कीमत घटाने पर सहमति बन गई। दूरसंचार सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम की अगली नीलामी मार्च, 2013 में करने का फैसला किया गया है।

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वित्त मंत्री पी चिदंबरम की अध्यक्षता में ईजीओएम की सोमवार को हुई बैठक में निर्णय किया गया कि जीएसएम मोबाइल सेवा में इस्तेमाल होने वाले 900 मेगाहटर््ज के साथ सीडीएमए आधारित मोबाइल सेवा वाले 800 मेगाहटर््ज के स्पेक्ट्रम की नीलामी एक साथ की जाएगी। इसमें पिछले नवंबर, 2012 में नीलामी से बचे स्पेक्ट्रम की भी बिक्री की जाएगी। तब सीडीएमए सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम खरीदने में किसी भी कंपनी ने रुचि नहीं दिखाई थी। संचार मंत्री कपिल सिब्बल ने बताया कि स्पेक्ट्रम नीलामी की प्रक्रिया मार्च, 2013 में पूरी होगी। स्पेक्ट्रम की प्रस्तावित कीमत में 30 फीसद तक कटौती की जाएगी। वैसे अंतिम फैसला कैबिनेट में होगा।

संचार मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि ईजीओएम की बैठक में यह सहमति बन गई कि स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए प्रस्तावित कीमत में 30 से 50 फीसद तक कटौती की जाएगी। नवंबर में केंद्र सरकार की तरफ से 14,000 करोड़ रुपये का रिजर्व मूल्य तय किया गया था। यह मूल्य वर्ष 2008 की स्पेक्ट्रम आवंटन कीमत के मुकाबले 11 गुना ज्यादा था। दूरसंचार कंपनियों ने रिजर्व प्राइस को बहुत ज्यादा बताते हुए इसमें हिस्सा नहीं लिया था। केंद्र को उम्मीद थी कि इस नीलामी से 24 हजार करोड़ रुपये मिलेंगे, लेकिन उसे महज 9,400 करोड़ रुपये ही मिल पाए थे। इससे सरकार के राजकोषीय संतुलन पर भी असर पड़ा रहा है। इसकी भरपाई करने के लिए अब केंद्र सरकार इसे 50 फीसद डिस्काउंट पर बेचने की तैयारी में है। दूसरे शब्दों में आगामी मार्च महीने में नीलामी प्रक्रिया में पूरे देश के दूरसंचार सर्किलों में जीएसएम सेवा शुरू करने के लिए कंपनियों को कम से कम 7,000 करोड़ रुपये की बोली लगानी होगी।

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एकमुश्त स्पेक्ट्रम शुल्क को

नोटिस जारी करेगा डॉट

नई दिल्ली : दूरसंचार विभाग (डॉट) इसी हफ्ते पुराने मोबाइल ऑपरेटरों से एकमुश्त स्पेक्ट्रम शुल्क की मांग के लिए नोटिस जारी करेगा। यह शुल्क उन पुरानी मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों से लिया जाएगा, जिनके पास 6.2 मेगाह‌र्ट्ज से ज्यादा स्पेक्ट्रम है। सरकार ने बीते साल नवंबर में ऐसी टेलीकॉम कंपनियों से पिछली तारीख से एकमुश्त शुल्क वसूलने का फैसला किया था। इसके तहत जुलाई, 2008 से लेकर दिसंबर, 2012 तक की अवधि के लिए यह शुल्क राशि वसूल की जानी है। इस शुल्क को नवंबर, 2012 में हुई नीलामी के आधार पर तय किया जाएगा। पहले 1658 करोड़ रुपये में पूरे देश भर के लिए इन कंपनियों को लाइसेंस के साथ 4.4 मेगाह‌र्ट्ज स्पेक्ट्रम मिला था। इसके बाद एक निश्चित संख्या से अधिक मोबाइलधारकों वाली कंपनियों को 1.8 मेगाह‌र्ट्ज स्पेक्ट्रम मुप्त में दे दिया गया था। ऐसा स्पेक्ट्रम पाने वालों में एयरटेल, वोडाफोन, बीएसएनएल वगैरह शामिल हैं।


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