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अब रसोई में लगेगा जोरदार तड़का, Edible oil सस्‍ता होने का रास्‍ता साफ

Edible Oil की बढ़ती कीमतें जल्‍द नीचे आएंगी। सरकार ने Crude Palm Oil पर लगने वाली Import duty की मानक दर को घटाकर 10 फीसद कर दिया है। अन्य पाम ऑयलों पर यह 37.5 फीसदी की गई है।

By Ashish DeepEdited By: Published: Wed, 30 Jun 2021 09:27 AM (IST)Updated: Wed, 30 Jun 2021 11:28 AM (IST)
अब रसोई में लगेगा जोरदार तड़का, Edible oil सस्‍ता होने का रास्‍ता साफ
यह फैसला 30 जून से 30 सितंबर तक के लिए है। (Pti)

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। Edible Oil की बढ़ती कीमतें जल्‍द नीचे आएंगी। सरकार ने Crude Palm Oil पर लगने वाली Import duty की मानक दर को घटाकर 10 फीसदी कर दिया है। अन्य पाम ऑयलों पर यह 37.5 फीसदी होगी। यह फैसला 30 जून से 30 सितंबर तक के लिए है।

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केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने मंगलवार रात जारी अधिसूचना में कहा कि कच्चे पाम ऑयल पर मानक सीमा शुल्क (BCD) दर संशोधित कर 10 फीसदी की गई है। यह अधिसूचना बुधवार से प्रभावी है। कच्चे पाम ऑयल पर 10 फीसदी के मूल आयात शुल्क के साथ प्रभावी आयात शुल्क 30.25 फीसदी होगी। इसमें Cess और दूसरे शुल्क शामिल होंगे। जबकि Refind Palm Oil के लिए यह शुल्क बुधवार से 41.25 फीसदी हो गया है। सीबीआइसी ने कहा कि यह अधिसूचना 30 जून, 2021 से प्रभावी होगी और 30 सितंबर 2021 तक लागू रहेगी।

CBIC का Tweet

Palm Oil पर BCD 15 फीसदी है। Refined, Bleached and Deodorized पाम ऑयल, आरबीडी पामोलिन, आरबीडी पाम स्टीयरिन की अन्य श्रेणियों (क्रूड पाम ऑयल को छोड़कर) पर 45 फीसदी का शुल्क लगता है। सीबीआईसी ने Tweet किया-लोगों को राहत देने के लिए सरकार ने कच्चे पाम ऑयल पर सीमा शुल्क 35.75 फीसदी से घटाकर 30.25 फीसदी और रिफाइंड पाम ऑयल पर 49.5 फीसदी से घटाकर 41.25 फीसदी कर दिया है। इससे घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की खुदरा कीमतों में कमी आएगी।

सरकार का कदम सही

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता ने कहा कि सरकार ने उपभोक्ताओं और किसानों दोनों के हितों को संतुलित करने की कोशिश की है। इससे गरीबों को तत्काल राहत मिलेगी, जबकि किसानों की रक्षा की जाएगी क्योंकि अक्टूबर में कटाई के मौसम के शुरू होने पर शुल्क फिर से बढ़ाया जाएगा।

शुल्‍क में कमी का असर नहीं

उन्होंने कहा कि रिफाइंड पाम ऑयल के आयात शुल्क में कमी का ज्यादा असर नहीं होगा, क्योंकि रिफाइंड ऑयल का आयात काफी कम होता है। उद्योग निकाय एसईए के आंकड़ों के अनुसार कच्चे पाम ऑयल के उच्च शिपमेंट के चलते मई 2021 में भारत का पाम ऑयल का आयात 48 फीसदी बढ़कर 7,69,602 टन हो गया।

खाद्य तेल की खपत

देश के कुल खाद्य तेल की खपत में पाम तेल का हिस्सा 60 फीसदी से ज्‍यादा है। भारत ने मई 2020 में 4,00,506 टन पाम ऑयल का आयात किया था। मई 2021 में देश का वनस्पति तेलों का कुल आयात 68 फीसदी बढ़कर 12.49 लाख टन हो गया, जबकि 1 साल पहले इसी अवधि में यह 7.43 लाख टन था।

पाम ऑयल का आयात

कच्चा तेल और सोने के बाद पाम ऑयल भारत का तीसरा सबसे बड़ा आयात किया जाने वाला जिंस है। भारत खाद्य तेल का दुनिया का सबसे बड़ा आयातक देश है और मलेशिया, इंडोनेशिया सहित दूसरे देशों से सालाना लगभग 1.5 करोड़ टन खाद्य तेल खरीदता है। सरकार ने इस माह की शुरुआत में पाम ऑयल सहित खाद्य तेलों के आयात शुल्क मूल्य में भी 112 डालर प्रति टन तक कमी की थी। इससे भी घरेलू कीमतों को कम रखने में सहायक माना गया।


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