खाद्य तेलों की बढ़ती कीमतों पर सरकार का सख्त कदम, यूपी ने अधिसूचित की भंडारण सीमा; कई राज्य प्रक्रिया के अंतिम चरण में
खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने सोमवार को विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ वर्चुअल बैठक के दौरान खाद्य तेलों के लिए भंडारण सीमा की स्थिति की समीक्षा की। इसमें पांडेय ने बताया कि बैठक में करीब 23 राज्यों ने हिस्सा लिया।
नई दिल्ली, प्रेट्र। त्योहारी सीजन में खाद्य तेल की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के प्रयासों के बीच केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि उत्तर प्रदेश ने खाद्य तेलों की भंडारण सीमा को अधिसूचित कर दिया है। कई अन्य राज्य जल्द ऐसा करेंगे। खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने सोमवार को विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ वर्चुअल बैठक के दौरान खाद्य तेलों के लिए भंडारण सीमा की स्थिति की समीक्षा की। इसमें पांडेय ने बताया कि बैठक में करीब 23 राज्यों ने हिस्सा लिया। उत्तर प्रदेश ने पहले ही खुदरा और थोक विक्रेताओं, थोक उपभोक्ताओं और रिफाइनर जैसी विभिन्न श्रेणियों के लिए स्टाक की सीमा को अधिसूचित कर दिया है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने विभिन्न अंशधारकों के लिए 1-25 टन की सीमा में स्टाक रखने की सीमा तय की है और इसे 12 अक्टूबर को अधिसूचित किया गया। उन्होंने कहा कि राजस्थान, गुजरात और हरियाणा में खाद्य तेलों के लिए स्टाक सीमा अधिसूचित करने की प्रक्रिया लगभग अंतिम चरण में है। नौ अन्य राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने भंडारण सीमा निर्धारण की प्रक्रिया शुरू की है। इनमें महाराष्ट्र, ओडिशा, केरल, झारखंड, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, त्रिपुरा और चंडीगढ़ शामिल हैं।
राज्यों द्वारा भंडारण की सीमा लागू होने के बाद खाद्य तेलों के दाम कितने कम हो सकते हैं, इस बारे में पांडेय ने कहा कि घरेलू बाजार में खाद्य तेलों में पहले ही सात-आठ रुपये प्रति किलोग्राम की गिरावट आ चुकी है। अब खरीफ की दो फसलें सोयाबीन और मूंगफली आ गई हैं और इससे दाम में कमी आई है।उन्होंने कहा, ''मैं इस बारे में अटकलें नहीं लगाना चाहता कि इससे कितनी कमी होगी। जो तय किया गया है उसे हम बहुत सख्ती से लागू करेंगे।''
उन्होंने कहा कि बाजार की ताकतें कीमतों को तय करेंगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध हो और उसे बाजार में जारी किया जाये, तो कीमतें कम होने लगेंगी। मूंगफली और सोयाबीन की फसल पिछले साल की तुलना में बेहतर है और इसलिए कीमतों में गिरावट आ रही है। उनके अनुसार, खाद्य तेलों की घरेलू मांग बढ़ रही है, जिसके चलते सितंबर में देश के खाद्य तेल आयात में भी वृद्धि हुई है। यह मुख्य रूप से कोविड स्थिति के बेहतर होने, बाजारों के खुलने और होटल उद्योग में सामान्य कामकाज शुरु होने के कारण है।