आयात शुल्क में इजाफे से बढ़ेंगी सोया तेल और पॉम ऑयल की घरेलू कीमतें, बिगड़ सकता है आपके किचन का बजट
खाद्य तेल पर आयात शुल्क बढ़ाए जाने से देश में महंगाई बढ़ने की संभावना तेज हो गई है
नई दिल्ली (जेएनएन)। खाद्य तेल पर आयात शुल्क में इजाफे का फैसला देश के किसानों के हित में लिया गया था। इस फैसले के पीछे सरकार का मकसद देश के भीतर सस्ते तेल के आयात को रोकना और देश के किसानों को उनके तेल की सही कीमत दिलाना था। लेकिन अब सरकार का यह फैसला घरेलू खाद्य तेल की कीमतों में इजाफा करता नजर आ रहा है, जिससे महंगाई बढ़ने की संभावना तेज हो जाएगी।
खाद्य तेल पर आयात शुल्क में हुआ कितना इजाफा: केयर रेटिंग ने बताया कि सरकार ने किसानों और घरेलू उद्योग के हितों की रक्षा के लिए अधिकांश खाद्य तेलों पर आयात शुल्क बढ़ाया है। पिछले हफ्ते सरकार ने क्रूड सोयाबीन पर आयात शुल्क को 12.5 फीसद से बढ़ाकर 30 फीसद, सोयाबीन रिफाइन्ड ऑयल पर आयात शुल्क को 15 फीसद से बढ़ाकर 35 फीसद, क्रूड पॉम ऑयल पर आयात शुल्क को 15 फीसद से बढ़ाकर 30 फीसद, आरबीडी पॉम ऑयल पर आयात शुल्क को 15 फीसद से बढ़ाकर 40 फीसद, सनफ्लॉवर क्रूड ऑयल पर आयात शुल्क को 12.5 फीसद से बढ़ाकर 25 फीसद और सनफ्लॉवर रिफाइन्ड ऑयल पर आयात शुल्क को 15 फीसद से बढ़ाकर 35 फीसद कर दिया था। केयर रेटिंग्स का मानना है कि आयात शुल्क में इजाफे से तिलहन की कीमतों में इजाफा होने की संभावना है। गौरतलब है कि इससे पहले सरकार ने अगस्त 2017 में खाद्य तेल पर आयात शुल्क में 5 और 10 फीसद का इजाफा किया था।
आयात शुल्क में इजाफे से भी कम नहीं होगी आयातित खाद्य तेल पर निर्भरता: इस कदम के पीछे सरकार का उद्देश्य खाद्य तेलों के सस्ता आयात को कम करना था हालांकि, यह उपाय खाद्य तेल के आयात पर निर्भरता को कम नहीं करेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत की जरूरत के 65 से 70 फीसद तेल की आपूर्ति आयात के जरिए होती है। देश में जितना भी खाने का तेल आयात होता है उसका 60 फीसद से ज्याद हिस्सा पाम ऑयल होता है और 18-20 फीसद हिस्सा सोयाबीन तेल का होता है।
घरेलू कीमतों में इजाफा बिगाड़ेगा आपके किचन का बजट: केयर रेटिंग्स ने यह भी कहा कि आयात शुल्क में वृद्धि से घरेलू खाद्य तेल की कीमतों में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। अगर घरेलू खाद्य तेल की कीमतों में इजाफा होता है तो सीधे तौर पर उस महंगाई को और रफ्तार मिल जाएगी जो कि आम आदमी को पहले से ही रुला रही है। अगर सीधे सीधे शब्दों में कहा जाए तो सरकार के इस फैसले से आपके किचन का बजट बिगड़ना तय है।