Highlights of FM Nirmala Sitharaman Speech Day 3: मोदी सरकार ने कृषि के बुनियादी ढांचे के लिए किया एक लाख करोड़ रुपये का एलान, जानिए किसे क्या मिला
FM Nirmala Sitharaman Speech Day 3 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज से जुड़ी तीसरी किस्त को लेकर आज कई घोषणाएं की।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज से जुड़ी तीसरी किस्त को लेकर आज कई घोषणाएं की। निर्मला सीतारमण पिछले दो दिनों से लगातार 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज से जुड़ी दो किस्तें मीडिया के साथ साझा कर चुकी हैं। सीतारमण ने शुक्रवार को भाषण की शुरुआत में सप्लाई चेन के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कही गई बात को रेखांकित किया। जानिए उनके स्पीच की बड़ी बातें...
फसलों की बुआई के लिए सरकार कानूनी ढांचे के जरिए मदद करेगी
वित्त मंत्री ने कहा कि किसानों के पास फसलों की बुआई के समय उचित दाम के आकलन को लेकर कोई व्यवस्था नहीं है। इसके लिए सरकार कानूनी ढांचे के जरिए मदद करेगी। जोखिम रहित खेती एवं गुणवत्ता एवं मानकीकरण की बात इस फ्रेमवर्क में की जाएगी। इससे किसानों के उत्पीड़न को रोका जाएगा।
कृषि उपज मूल्य और गुणवत्ता पर किसान को आश्वासन प्रदान करने के लिए, किसानों को उचित और पारदर्शी तरीके से प्रोसेसर, एग्रीगेटर्स, बड़े खुदरा विक्रेताओं, निर्यातकों आदि के साथ जोड़ने के लिए सुविधाजनक कानूनी ढांचा बनाया जाएगा#AatmaNirbharDesh #AatmanirbharBharat https://t.co/TFiBMZHaNc" rel="nofollow — पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) May 15, 2020
वित्त मंत्री के मुताबिक, कृषि क्षेत्र में लाइसेंसों का वितरण सीमित नहीं रहे इसके लिए केंद्रीय कानून में सुधार होगा। इससे एग्रीकल्चर मार्केटिंग में सुधार होगा। किसानों को बेहतर दाम मिलेगा और वे अच्छा अंतरराज्यीय व्यापार कर पाएंगे।
किसानों की जोखिम रहित खेती, निश्चित आय और गुणवत्ता के मानकीकरण के लिए एक कानून बनाया जाएगा, यह कानून किसान को आकर्षक मूल्य पर उपज बेचने के लिए पर्याप्त विकल्प प्रदान करेगा : वित्त मंत्री @nsitharaman #AatmaNirbharDesh #AatmanirbharBharat https://t.co/jIAnyDmYGb" rel="nofollow — पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) May 15, 2020
टॉप टू टोटल योजना में 500 करोड़ रुपए डाले जाएंगे
वित्त मंत्री ने बताया कि टॉप टू टोटल योजना में 500 करोड़ रुपए डाले जाएंगे। इस योजना में टमाटर, प्याज और आलू के साथ ही अन्य सब्जियों और फलों को भी जोड़ा जाएगा। इसे अभी 6 महीने के लिए पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में लाया जाएगा। इससे नष्ट हो जाने वाली फसलों और फसलों को कम मूल्य पर बेचने के नुकसान से किसान बचेंगे। योजना में 50 फीसद सब्सिडी ट्रांसपोर्टेशन और 50 फीसद सब्सिडी भंडारण पर दी जाएगी। इससे किसान फसलों को अच्छे दाम पर बाद में बेच सकेगा।
ऑपरेशन ग्रीन का विस्तार टमाटर, प्याज और आलू के अलावा बाकी सभी फल और सब्जियों के लिए भी किया जाएगाः वित्त मंत्री @nsitharaman #AatmaNirbharDesh #AatmanirbharBharat https://t.co/bQOd0btZXb" rel="nofollow — पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) May 15, 2020
Essential Commodities Act में संशोधन
घोषणा में कहा गया कि Essential Commodities Act में संशोधन किया जाएगा। किसानों को फसल का बेहतर दाम दिलाना लक्ष्य है। Cereals, खाद्य तेल, तिलहन, दाल, प्याज और आलू जैसे कृषि उत्पादों को डिरेगुलेट करने के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन किया जाएगा। अधिनियम में संशोधन के बाद इन वस्तुओं के लिए कोई स्टॉक लिमिट नहीं होगी। केवल असाधारण परिस्थितियों में ही इन्हें रेगुलेट किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने बताया कि हर्बल कल्टीवेशन के प्रमोशन के लिए 4000 करोड़ रुपए की योजना लाई जाएगी। इससे 25 लाख एकड़ भूमि में खेती होगी। 5000 करोड़ की आय किसानों की बढ़ेगी। गंगा के किनारे प्लांटेशन होगा।
मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ रुपये का फंड
मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ रुपये का फंड बनाया जाएगा। इससे ग्रामीण इलाकों के दो लाख मधुमक्खी पालकों को लाभ मिलेगा। इससे उपभोक्ताओं को बेहतर शहद भी मिलेगा। इससे ग्रामीण क्षेत्र में मधुमक्खी पालन आय का एक अतिरिक्त स्रोत बन सकता है। वित्त मंत्री ने 15, 000 करोड़ रुपये के पशुपालन इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड की घोषणा की। इस फंड का इस्तेमाल पशुपालन से जुड़े बुनियादी ढांचे के विकास के लिए किया जाएगा। उन्होंने इसकी घोषणा से पहले कहा कि दूध के अधिक उत्पादन वाले देश के विभिन्न इलाकों में डेयरी क्षेत्र में निजी निवेश की काफी अधिक संभावनाएं हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि 53 करोड़ पशुओं के टीकाकरण की योजना लाई जाएगी। यह 13343 करोड़ की होगी। योजना में जानवरों को मुंह पका और खुरपका रोग मुक्त करेंगे। इससे हमारे प्रोडक्ट्स की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मांग बढ़ेगी और दूध का उत्पादन बढ़ेगा।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत मछुआरों के लिए 20,000 करोड़ रुपये का फंड। सरकार समुद्री और अंतर्देशीय मत्स्य पालन के समावेशी विकास के लिए PMMSY की शुरुआत करेगी। समुद्री और अंतर्देशीय मत्स्य पालन और एक्वाकल्चर से जुड़ी गतिविधियों के लिए 11,000 करोड़ रुपये का फंड। इसके आधारभूत ढांचे के विकास के लिए 9,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाएगा। इससे अगले पांच साल में 70 लाख टन अतिरिक्त मछली का उत्पादन होगा। सीतारमण ने कलस्टर एप्रोच के संदर्भ में बिहार के मखाने, जम्मू-कश्मीर के केसर का जिक्र किया। दो लाख माइक्रो फूड इंटरप्राइजेज के फायदे के लिए 10,000 करोड़ रुपये की विशेष योजना। इस योजना का लक्ष्य स्थानीय कृषि उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने का है। ये पीएम के वोकल फॉर लोकल के आह्वान से जुड़ा है। इसमें कलस्टर आधारित एप्रोच अपनाया जाएगा। इसमें महिलाओं, एससी/ एसटी पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
दो लाख मधुमक्खी पालनकर्ताओं को लाभान्वित और महिलाओं के क्षमता निर्माण पर विशेष जोर देने के उद्देश्य से मधुमक्खी पालन के लिए 5,00 करोड़ की स्कीम लाई जाएगी, इससे इस क्षेत्र में आधारभूत संरचना का निर्माण किया जाएगा: वित्त मंत्री @nsitharaman #AatmaNirbharDesh #AatmanirbharBharat https://t.co/1EJhFbJBuf" rel="nofollow — पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) May 15, 2020
कृषि आधारभूत ढांचा लाने के लिए एक लाख करोड़ रुपये का फंड
कृषि आधारभूत ढांचा लाने के लिए एक लाख करोड़ रुपये का फंड। इससे भंडारण क्षमता एवं मूल्य संवर्धन में मदद मिलेगी। इससे आने वाले समय में निर्यात में मदद मिलेगी। इसका लाभ कृषि सहकारी सोसायटी, कृषि उत्पादक संगठनों को होगा। पिछले दो माह में PM Kisan के जरिए 18,700 करोड़ रुपये का फंड ट्रांसफर सीधे किसानों को खातों में किया गया है। इसी तरह पीएम फसल बीमा योजना के तहत 6,400 करोड़ रुपये मूल्य के क्लेम रिलीज किए गए। पिछले दो माह में किसानों की मदद के लिए कुछ अतिरिक्त उपाय किए गए हैं। लॉकडाउन के दौरान न्यूतनम समर्थन मूल्य के जरिए 74,300 करोड़ रुपये का अनाज सरकार ने खरीदा।
हर्बल खेती के क्षेत्र में बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार ने 4,000 करोड़ रुपये के प्रवाधान को मंजूरी दी, दो साल में लगभग 10 लाख हेक्टेयर में हर्बल प्रॉड्क्टस की खेती होगी जिससे 5,000 करोड़ की आय किसानों को होगीः वित्त मंत्री @nsitharaman https://t.co/IVfBBntfuW" rel="nofollow— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) May 15, 2020
लॉकडाउन के दौरान दूध की मांग में 20-25 फीसद की कमी
वित्त मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान दूध की मांग में 20-25 फीसद की कमी दर्ज की गई है। इस दौरान को-ऑपरेटिव्स ने 560 लाख लीटर प्रतिदिन दूध की खरीद की जबकि आम तौर पर यह आंकड़ा 360 लाख लीटर प्रतिदिन का होता है। इस तरह 111 करोड़ लीटर अतिरिक्त दूध की खरीदारी की गई है और इसके लिए 4100 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।