FY22 की चौथी तिमाही में धीमी आर्थिक वृद्धि होने की उम्मीद, पढ़िए इक्रा की ये रिपोर्ट
इक्रा रेटिंग्स एजेंसी के मुताबिक आर्थिक वृद्धि 2021-22 की चौथी तिमाही में पिछले तीन महीने की अवधि में 5.4 प्रतिशत से धीमी होकर 3.5 प्रतिशत हो सकती है। इक्रा ने अनुमान लगाया है कि वित्त वर्ष 2023 के लिए औसत सीपीआई इंफ्लेशन 6.5 प्रतिशत पर होगा।
नई दिल्ली, पीटीआइ। इक्रा रेटिंग्स एजेंसी ने सोमवार को कहा कि आर्थिक वृद्धि 2021-22 की चौथी तिमाही में पिछले तीन महीने की अवधि में 5.4 प्रतिशत से धीमी होकर 3.5 प्रतिशत हो सकती है, जो मार्जिन पर उच्च कमोडिटी कीमतों के प्रभाव, गेहूं की पैदावार में गिरावट और उच्च आधार पर प्रभाव के कारण हो सकती है।
एजेंसी ने कहा कि देश में कोविड-19 की तीसरी लहर के कारण आर्थिक विकास प्रभावित हो सकता है। वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में मूल कीमतों (2011-12 की कीमतों पर) पर ग्रास वैल्यू ऐडेड (GVA) वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही में 4.7 प्रतिशत से घटकर 2.7 प्रतिशत हो गई है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही के आंकड़े 31 मई को जारी करेगा। इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि Q4 एक चुनौतीपूर्ण तिमाही थी। उच्च कमोडिटी कीमतों से मार्जिन पर व्यापक दबाव था। इसके अलावा हीटवेव ने मार्च 2022 में गेहूं के उत्पादन पर बुरा प्रभाव डाला।
नायर ने कहा कि हमें आशंका है कि वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में कृषि और उद्योग दोनों में जीवीए 1 प्रतिशत से कम की वृद्धि होगी, जबकि सेवाओं की वृद्धि लगभग 5.4 प्रतिशत होगी। एजेंसी ने आगे कहा कि पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में हालिया कटौती से उपभोक्ताओं की डिस्पोजेबल आय में सुधार करने में मदद मिलेगी। साथ ही साथ सीपीआई (Consumer Price Index) इंफ्लेशन को कम करने में मदद मिलेगी।
पिछले हफ्ते सरकार ने ईंधन की कीमतों से परेशान उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में रिकॉर्ड 8 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी। उपभोक्ता मूल्य-आधारित मुद्रास्फीति (सीपीआई) द्वारा मापी गई रिटेल इंफ्लेशन अप्रैल में 8 साल के उच्च स्तर 7.79 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
इक्रा ने अनुमान लगाया है कि वित्त वर्ष 2023 के लिए औसत सीपीआई इंफ्लेशन 6.5 प्रतिशत पर होगा। जून 2022 की मौद्रिक नीति समीक्षा (monetary policy review) में 5.5 प्रतिशत की टर्मिनल दर के बीच रेपो दर में 40 आधार अंकों की बढ़ोतरी की है।