आर्थिक विवादों का होगा डेढ़ साल में फैसला
केंद्र सरकार ने देश में कारोबारियों व निवेशकों के लिए काम करने के माहौल को आसान बनाने की मुहिम को और आगे बढ़ाया है। बुधवार को वाणिज्यिक व आर्थिक विवादों को तेजी से निपटाने के लिए दो अहम फैसले हुए हैं। ये निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने देश में कारोबारियों व निवेशकों के लिए काम करने के माहौल को आसान बनाने की मुहिम को और आगे बढ़ाया है। बुधवार को वाणिज्यिक व आर्थिक विवादों को तेजी से निपटाने के लिए दो अहम फैसले हुए हैं। ये निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में लिए गए। इसमें मध्यस्थता व समझौता अधिनियम में संशोधन और संसद में पेश वाणिज्यिक न्यायालय, वाणिज्यिक विभाग और हाई कोर्ट के वाणिज्यिक अपीलीय डिवीजन विधेयक, 2015 को लागू करने के लिए अध्यादेश लाना शामिल है।
मध्यस्थता कानून में अध्यादेश के जरिये संशोधन का फैसला दिसंबर, 2014 में कैबिनेट में किया गया था, लेकिन इसे राष्ट्रपति को कभी नहीं भेजा जा सका। इस कानून में संशोधन के जरिये सरकार यह सुनिश्चित करने जा रही है कि जिन आर्थिक विवादों को निपटाने के लिए इसकी मदद ली जा रही है उन पर 18 महीने के भीतर फैसला हो सके। पहले सरकार नौ महीने के भीतर फैसला करने का प्रस्ताव ला रही थी, लेकिन अब इसे बढ़ाया गया है। हालांकि यह प्रस्ताव किया जा रहा है कि अगर विवाद को 12 महीने के भीतर नहीं निपटाया जा सका है तो उसे हर कीमत पर अगले छह महीने के भीतर निपटाया जाए। हालांकि, इसका ख्याल रखा जाएगा कि जिस कानून के तहत जिस व्यक्ति को मध्यस्थ नियुक्त किया गया है, उसका किसी भी प्रकार का हित दोनो पक्षों में से भी जुड़ा न हो। मध्यस्थ के खुलासे को लेकर नए नियम भी संशोधन के जरिये जोड़े जा रहे हैं।