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कोरोना के दंश से जल्द नहीं उबरने वाली अर्थव्यवस्था, दूसरी तिमाही में भी जारी रह सकती है आर्थिक मंदी

India GDP देश के कई हिस्सों में लॉकडाउन में ढील मिलने के बाद मई और जून में आर्थिक गतिविधियों में आई बढ़त जुलाई व अगस्त में फिर से लॉकडाउन प्रतिबंधों के चलते चली गई। PC Pixabay

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Wed, 26 Aug 2020 10:59 AM (IST)Updated: Wed, 26 Aug 2020 11:03 AM (IST)
कोरोना के दंश से जल्द नहीं उबरने वाली अर्थव्यवस्था, दूसरी तिमाही में भी जारी रह सकती है आर्थिक मंदी
कोरोना के दंश से जल्द नहीं उबरने वाली अर्थव्यवस्था, दूसरी तिमाही में भी जारी रह सकती है आर्थिक मंदी

नई दिल्ली, पीटीआइ। कोरोना वायरस महामारी और इसके संक्रमण को रोकने के लिए लागू किये गए लॉकडाउन के चलते अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा प्रतिकूल प्रभाव लंबा चल सकता है। भारतीय रिज़र्व बैंक का कहना है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भी अर्थव्यवस्था में नेगेटिव ग्रोथ जारी रह सकती है। आरबीआई ने मंगलवार को कहा कि आर्थिक गतिविधियों में सिकुड़न दूसरी तिमाही में भी जारी रह सकती है। मई-जून महीने में आर्थिक गतिविधियों में थोड़ी तेजी आई थी, लेकिन जुलाई-अगस्त में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए विभिन्न राज्यों में लगाए गए प्रतिबंधों के चलते आर्थिक गतिविधियां बाधित रहीं।

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केंद्र सरकार ने वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए 25 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन लागू किया था। इस लॉकडाउन में धीरे-धीरे ढील दी गई, लेकिन संक्रमण के मामलों के बढ़ने पर कई राज्यों में प्रतिबंधों को फिर से बढ़ाया गया। आरबीआइ की सालाना रिपोर्ट के अनुसार, अब तक के त्वरित आंकड़े आर्थिक गतिविधियों में सिकुड़न की ओर इशारा करते हैं, जो कि अप्रत्याशित है।

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आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट में बताया, 'देश के कई हिस्सों में लॉकडाउन में ढील मिलने के बाद मई और जून महीने में आर्थिक गतिविधियों में आई बढ़त जुलाई व अगस्त में फिर से लॉकडाउन प्रतिबंधों के लागू होने के चलते चली गई। इससे यह अनुमान है कि आर्थिक गतिविधियों में सिकुड़न दूसरी तिमाही में भी जारी रह सकती है।'

रिजर्व बैंक ने अपनी सालाना रिपोर्ट में आर्थिक वृद्धि के बारे में कोई अनुमान नहीं दिया है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय 31 अगस्त को मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के अनुमान जारी करेगा। यहां बता दें कि महामारी के प्रकोप से पहले भी भारत की आर्थिक ग्रोथ सुस्त चल रही थी। भारत की जीडीपी ग्रोथ वित्त वर्ष 2019-20 में 4.2 फीसद रही, जो एक दशक से अधिक की न्यूनतम है।


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