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ई-श्रम पोर्टल पर एक करोड़ से अधिक श्रमिकों का पंजीयन; बिहार सबसे आगे, 57 फीसद पुरुष तो 43 फीसद महिला श्रमिक पंजीकृत

ई-श्रम पोर्टल पर एक माह से भी कम समय में एक करोड़ से अधिक श्रमिक पंजीकृत हो चुके हैं। पिछले महीने 26 अगस्त को श्रम और रोजगार मंत्रालय ने असंगठित क्षेत्रों के श्रमिकों की सुविधा के लिए ई-श्रम पोर्टल की शुरुआत की थी।

By Ankit KumarEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 09:42 AM (IST)Updated: Mon, 20 Sep 2021 09:42 AM (IST)
ई-श्रम पोर्टल पर एक करोड़ से अधिक श्रमिकों का पंजीयन; बिहार सबसे आगे, 57 फीसद पुरुष तो 43 फीसद महिला श्रमिक पंजीकृत
वित्त वर्ष 2019-20 के आर्थिक सर्वे के मुताबिक असंगठित क्षेत्र में देश में लगभग 38 करोड़ श्रमिक है।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। ई-श्रम पोर्टल पर एक माह से भी कम समय में एक करोड़ से अधिक श्रमिक पंजीकृत हो चुके हैं। पिछले महीने 26 अगस्त को श्रम और रोजगार मंत्रालय ने असंगठित क्षेत्रों के श्रमिकों की सुविधा के लिए ई-श्रम पोर्टल की शुरुआत की थी। रविवार तक ई-श्रम पोर्टल पर 1,03,12,095 श्रमिकों का पंजीयन किया गया। इनमें से 57 फीसद पुरुष तो 43 फीसद महिला श्रमिक हैं। पंजीयन के काम में बिहार सबसे आगे चल रहा है। बिहार के बाद उड़ीसा, उत्तर प्रदेश व पश्चिम बंगाल का नंबर है। ई-श्रम पोर्टल पर श्रमिक स्वयं ही अपना पंजीयन कर सकते हैं या फिर कामन सर्विस सेंटर (सीएससी) की मदद ले सकते हैं।

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वित्त वर्ष 2019-20 के आर्थिक सर्वे के मुताबिक असंगठित क्षेत्र में देश में लगभग 38 करोड़ श्रमिक है और इन सभी श्रमिकों को इस पोर्टल पर पंजीकृत करने का लक्ष्य रखा गया है ताकि ये श्रमिक अपने कार्यस्थल पर ही सभी प्रकार की सामाजिक सुरक्षा स्कीम का लाभ उठा सकें। श्रमिकों का एकीकृत आंकड़ा रहने पर विषम परिस्थिति में इन श्रमिकों को आसानी से सरकारी मदद दी जा सकती है। फिलहाल ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत होने वाले श्रमिकों को दो लाख रुपये तक का दुर्घटना बीमा का लाभ दिया जा रहा है।

श्रम और रोजगार मंत्रालय के मुताबिक अब तक बिहार में सबसे अधिक 22,32,549 असंगठित श्रमिकों का पंजीयन किया जा चुका है। उसके बाद उड़ीसा में 21,59,554 श्रमिक पंजीकृत हो चुके हैं। उत्तर प्रदेश में 11,76,911 श्रमिकों का पंजीयन किया गया है। मंत्रालय के मुताबिक पंजीकृत होने वाले अधिकतर श्रमिक कृषि और निर्माण क्षेत्र से जुड़े हैं। पंजीयन कराने वालों में अपैरल, आटोमोबाइल, इलेक्ट्रानिक्स, ट्रांसपोर्ट, रिटेल, पर्यटन, हेल्थकेयर, खाद्य उद्योग व घरों में काम करने वाले श्रमिक भी शामिल हैं। मंत्रालय के मुताबिक पंजीकृत होने वाले श्रमिकों में 48 फीसद श्रमिक 25-40 साल के हैं। 40-50 साल की उम्र वाले 21 फीसद श्रमिक हैं तो 19 फीसद 16-25 साल के आयुवर्ग के और सिर्फ 12 फीसद श्रमिक 50 साल से अधिक उम्र के हैं।


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