लॉकडाउन के बीच कारोबार के लिए ई-कॉमर्स कंपनियों ने कसी कमर, बड़े पैमाने पर चाहती हैं कर्फ्यू पास
सरकार की तरफ से भी संकेत हैं कि वह कड़े सुरक्षा मानकों के साथ मोबाइल फोन चार्जर लैपटॉप आदि की आपूर्ति के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफार्म शुरू करने की अनुमति दे सकती है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। जब से देशभर में लॉकडाउन लगा है तब से ई-कॉमर्स कंपनियों की गतिविधियां करीब-करीब ठप हैं। हालांकि, मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन की अवधि फिर से 19 दिनों के लिए बढ़ा दी है तो ई-कॉमर्स कंपनियां कारोबार में आने को तैयार हैं। इन कंपनियों का कहना है कि शुरू के तकरीबन तीन हफ्तों के बाद अब लोगों के लिए आवश्यक वस्तुओं की जरूरत का दायरा बढ़ गया है।
कई लोगों के इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण, आइटी उपकरण वगैरह खराब हैं। ऐसे में सरकार को आवश्यक वस्तुओं की परिभाषा को ज्यादा व्यापक बनाना चाहिए। अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों ने इसकी संभावना को देखते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों की आपूर्ति को लेकर अपनी तैयारी भी शुरू कर दी है। सरकार की तरफ से भी संकेत हैं कि वह कड़े सुरक्षा मानकों के साथ मोबाइल फोन, चार्जर, लैपटॉप आदि की आपूर्ति के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफार्म शुरू करने की अनुमति दे सकती है।
देश की एक बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि आम तौर पर हर कंपनी का वेयरहाउस ग्रामीण इलाकों में है जहां से वह आसपास के कुछ सौ किलोमीटर के क्षेत्र में आपूर्ति करती है। अभी तक का नियम यह कहता था कि हर जिले का एक कर्फ्यू पास होना चाहिए। ऐसे में एक डिलीवरी बॉय को आपूर्ति करने के लिए एक से ज्यादा कर्फ्यू पास की जरूरत होती थी जो संभव नहीं था। लेकिन अब गृह मंत्रालय ने इस नियम को बदल दिया है। अब एक जिले से हासिल पास का इस्तेमाल दूसरी जगहों पर किया जा सकता है। लेकिन जब तक राज्य व जिला प्रशासन की तरफ से बड़े पैमाने पर ई-कॉमर्स कंपनियों को कर्फ्यू पास नहीं दिए जाएंगे तब तक वो काम नहीं कर सकेंगी। बड़े पैमाने पर पास जारी किए बगैर ई-कॉमर्स कंपनियां लॉकडाउन में पूरी क्षमता से प्रदर्शन नहीं कर सकती हैं।
पिछले दिनों ई-कॉमर्स कंपनियों ने सरकारी प्रतिनिधियों से बात की है। इसमें एक अहम सुझाव यह दिया गया है कि कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल फोन, चार्जर व कुछ अन्य घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स आयटम की जरूरत घरों में महसूस की जा रही है। ऑनलाइन पढ़ाई होने से ज्यादा लोग लैपटॉप की जरूरत महसूस कर रहे हैं। ये सामान अब आवश्यक वस्तु जैसे ही हो गए हैं। इसलिए सरकार को इनकी ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर बिक्री की अनुमति मिलनी चाहिए।
किताब-कॉपी व पठन-पाठन की दूसरी चीजों को छात्रों तक पहुंचाने का काम भी ये कंपयिनां कर सकती हैं। सरकार ने इन सुझावों को लेकर सकारात्मक संकेत दिया है। ई-कॉमर्स कंपनियां का कहना है कि वे सख्त सुरक्षा मानकों का निश्चित तौर पर ख्याल रखेंगी और संपूर्ण कारोबार में उचित फिजिकल डिस्टेंस बनाए रखने का पालन किया जाएगा ताकि कोविड-19 के प्रसार की कोई संभावना नहीं हो।