E-Commerce Platform पर कसेगी नकेल, ग्राहकों को फ्लैश सेल और भारी छूट दिखाकर धोखाधड़ी से नहीं बेच पाएंगे सामान
इंटरनेट प्लेटफॉर्म पर आम ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए सरकार पिछले कुछ समय से इन कदमों पर विचार कर रही थी। इसलिए सरकार इंटरनेट पर खोज परिणामों में हेराफेरी कर उपयोगकर्ताओं को गुमराह करने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की तैयारी में है
नई दिल्ली, पीटीआइ। सरकार ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर गलत एवं भारी छूट के साथ धोखाधड़ी से बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रही है। इसके साथ ही इन कंपनियों व प्लेटफॉर्म्स के उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआइआइटी) पर पंजीकरण अनिवार्य करने का भी प्रस्ताव रखा गया है। इसके लिए सरकार उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 में संशोधन करना चाहती है। सरकार ने इस दिशा में आम जनता समेत सभी पक्षों से सुझाव आमंत्रित किए हैं।
इंटरनेट प्लेटफॉर्म पर आम ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए सरकार पिछले कुछ समय से इन कदमों पर विचार कर रही थी। इसलिए सरकार इंटरनेट पर खोज परिणामों में हेराफेरी कर उपयोगकर्ताओं को गुमराह करने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की तैयारी में है। इन कंपनियों में मुख्य अनुपालन अधिकारी एवं शिकायत अधिकारी की नियुक्ति सहित कुछ अन्य संशोधनों पर भी विचार हो रहा है। प्रस्तावित संशोधनों में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स और कंपनियों को किसी भी कानून के तहत अपराधों की रोकथाम, पता लगाने और जांच और अभियोजन के लिए सरकारी एजेंसी से आदेश प्राप्त होने के 72 घंटे के भीतर सूचना प्रदान करनी होगी।
उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 को पहली बार पिछले वर्ष जुलाई में अधिसूचित किया गया था। इसके उल्लंघन में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत दंडात्मक कार्रवाई का प्रविधान है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने एक सार्वजनिक सूचना में कहा कि प्रस्तावित संशोधनों पर विचार, टिप्पणियां और सुझाव छह जुलाई, 2021 तक ईमेल आइडी 'जेएस-सीए ऐट एनआइसी डॉट इन' (सभी अंग्रेजी के अक्षरों में) पर भेजे जा सकते हैं। हालांकि मंत्रालय ने कहा कि ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा विशेष मौकों पर पारंपरिक रूप से दी जाने वाली छूट और इससे जुड़े बिक्री आयोजनों पर किसी तरह रोक नहीं होगी।
केवल विशिष्ट तौर पर ग्राहकों को अपने प्लेटफॉर्म पर रोकने और उसे भरमाने वाले सेल फ्लैश करने पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।सरकार ने एक अलग बयान में कहा कि उसे पीडि़त उपभोक्ताओं, व्यापारियों और संघों से बहुत से शिकायती पत्र प्राप्त हुए हैं। इनमें कहा गया है कि ई-कॉमर्स कंपनियों पर बड़े पैमाने पर ग्राहकों से धोखाधड़ी हो रही है और उन्हें गैरजरूरी वस्तुएं खरीदने को गुमराह किया जा रहा है। मंत्रालय के अनुसार प्रस्तावित संशोधनों का उद्देश्य ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म में पारदर्शिता लाना और नियामक व्यवस्था को और मजबूत करना है। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स डीपीआइआइटी से पंजीकृत नहीं हैं।