ई-कॉमर्स कंपनियों को उत्पाद के मूल सोर्स बताने में नहीं मिलेगी रियायत, भारत में एसेंबल उत्पाद को माना जा सकता है मेक इन इंडिया
ई-कॉमर्स कंपनियों की दलील थी कि उन्हें अपने प्लेटफार्म के विक्रेताओं को उत्पाद के मूल सोर्स या देश को बताने के लिए दिशा-निर्देश बताने होंगे।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। अमेजन, फ्लिपकार्ट, स्नैपडील जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों के प्लेटफार्म पर बिकने वाले उत्पाद के मूल सोर्स को बताने के मामले में सरकार कोई रियायत देने के मूड में नहीं है। बुधवार को ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (डीपीआईआईटी) की बैठक आयोजित की गई। सूत्रों के मुताबिक बैठक में ई-कॉमर्स कंपनियों की तरफ से उनके प्लेटफार्म पर बेचे जाने वाले उत्पादों के मूल सोर्स (जिस देश में उत्पाद बना है) की घोषणा करने के मामले में होने वाली परेशानियों की दलीलें दी गईं।
कंपनियों का कहना था कि कई ऐसे आइटम है जिसकी एसेंबलिंग भारत में होती है, लेकिन उस आइटम को पूरी तरह तैयार करने में कई देशों से आने वाले सामान इस्तेमाल में लाए जाते हैं। ऐसे में, उस आइटम के मूल सोर्स को जाहिर करना मुश्किल होगा। उदाहरण के लिए भारत में एसेंबल होने वाले मोबाइल फोन में लगने वाले सिम कार्ड किसी अन्य देश के होते हैं, उसमें लगने वाली बैट्री किसी अन्य देश की होती है, उसके कवर किसी अन्य देश के होते हैं तो उस फोन को किस देश का उत्पाद माना जाएगा।
कंपनियों की दलील थी कि उन्हें अपने प्लेटफार्म के विक्रेताओं को उत्पाद के मूल सोर्स या देश को बताने के लिए दिशा-निर्देश बताने होंगे, क्योंकि अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों के प्लेटफार्म पर बिकने वाले उत्पादों की संख्या करोड़ों में है।
सूत्रों के मुताबिक सरकार जल्द ही उत्पाद के मूल सोर्स के लिए एक दिशा-निर्देश जारी कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक भारत में एसेंबल उत्पाद को मेक इन इंडिया की श्रेणी में रखा जा सकता है। अगर किसी उत्पाद पर 20-50 फीसद तक वैल्यू-एडिशन किया गया है तो उसे भी स्थानीय उत्पाद मानने पर विचार किया जा सकता है। लेकिन इससे पहले अभी ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ एक बार और बैठक आयोजित की जाएगी। यह बैठक अगले 10-15 दिनों में हो सकती है।
ई-कॉमर्स प्लेटफार्म के जरिए चीन के उत्पाद की धड़ल्ले से हो रही बिक्री पर रोक लगाने के लिए सरकार उत्पाद के मूल सोर्स को बताना अनिवार्य करना चाहती है। सरकारी ई-मार्केट पर इस शर्त को अनिवार्य कर दिया गया है।