E-commerce कंपनियों को है फेस्टिव सीजन में बिक्री के दोगुनी होने का भरोसा, छोटे शहरों पर फोकस
फेस्टिव सीजन में इस साल फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसी बड़ी E-commerce कंपनियों ने अस्थायी तौर पर 1 लाख से ज्यादा लोगों को नौकरियां दी है। (PCPixabay)
नई दिल्ली, एएनआइ। फेस्टिव सीजन में ई-कॉमर्स कंपनियां पिछले साल की तुलना में बिक्री को दोगुना करने का लक्ष्य लेकर चल रही हैं। इसके लिए कंपनियों ने टियर-2 और टियर-3 शहरों को फोकस में रखा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल त्योहारी सीजन में डायरेक्ट टू कंज्यूमर (डी2सी) कारोबार में पिछले साल की तुलना में 100 प्रतिशत तक की वृद्धि देखने को मिल सकती है। इसकी बड़ी वजह यह भी है कि अब ऑनलाइन उत्पादों की खरीद को लेकर ग्राहकों का भरोसा बढ़ रहा है। लोग इसमें खुद को ज्यादा सहज महसूस करने लगे हैं।
छोटे एवं मझोले उद्यमों के लिए लॉजिस्टिक्स का प्लेटफॉर्म मुहैया कराने वाली फर्म शिपरॉकेट के सह संस्थापक और सीईओ साहिल गोयल ने कहा, ‘भारत में ई-कॉमर्स बाजार उभार पर है। खासकर टियर-2 और टियर-3 शहरों से ज्यादा लोग इस डिजिटल मार्केट से जुड़ रहे हैं। एक नए तरह का डिजिटल बाजार बन रहा है, जहां विक्रेता और खरीदार एक क्लिक के जरिये एक-दूसरे से जुड़े हैं।’
गोयल ने कहा कि पिछले साल शिपरॉकेट ने फेस्टिव सीजन के दौरान अपने मंथली ऑर्डर में 75 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की थी। इस साल कंपनी को उम्मीद है कि फेस्टिव सीजन में दोगुनी वृद्धि होगी। ऑनलाइन बाजार में औसतन 30 से 50 फीसद की वृद्धि की उम्मीद है। देशभर के 1,900 सेलर्स के सर्वेक्षण के आधार पर तैयार रिपोर्ट के मुताबिक, ब्यूटी और हेल्थ जैसी कुछ श्रेणियों में 100 फीसद से ज्यादा की वृद्धि भी देखने को मिल सकती है। टियर-2 व टियर-3 शहरों में घरेलू सामान और रसोई से जुड़े उत्पाद ग्राहकों के फोकस में हैं।
एक लाख अस्थायी रोजगार
इस साल फेस्टिव सीजन में फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसी बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों ने अस्थायी तौर पर एक लाख से ज्यादा लोगों को नौकरी दी है। ऑनलाइन मार्केट से जुड़े विक्रेताओं का कहना है कि सामान की समय पर आपूर्ति और बड़े मार्केटप्लेस में उपस्थिति पर वे सबसे ज्यादा ध्यान दे रहे हैं।
सात लाख करोड़ के पार पहुंचेगा ऑनलाइन कारोबार
ग्लोबल कंसल्टिंग फर्म पीडल्यूसी के मुताबिक, 2022 तक भारतीय ई-कॉमर्स बाजार 100 अरब डॉलर (करीब सात लाख करोड़ रुपये) के स्तर को पार कर जाएगा। 2017 में यह कारोबार 35 अरब डॉलर (करीब 2.45 लाख करोड़ रुपये) का था। पीडब्ल्यूसी का कहना है कि ऑर्गनाइज्ड रिटेल सेक्टर में बेहतर विकास, अर्थव्यवस्था में तेज विकास और सकारात्मक परिस्थितियों के दम पर कारोबार में यह तेजी देखने को मिलेगी।