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महंगाई के साथ सुस्त उद्योगों ने बढ़ाई चिंता

आठ बुनियादी उद्योगों के शानदार प्रदर्शन से बढ़ी उम्मीदों पर मार्च के औद्योगिक उत्पादन और अप्रैल के खुदरा महंगाई के आंकड़ों ने पानी फेर दिया है।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Thu, 12 May 2016 08:47 PM (IST)Updated: Thu, 12 May 2016 08:58 PM (IST)
महंगाई के साथ सुस्त उद्योगों ने बढ़ाई चिंता

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । आठ बुनियादी उद्योगों के शानदार प्रदर्शन से बढ़ी उम्मीदों पर मार्च के औद्योगिक उत्पादन और अप्रैल के खुदरा महंगाई के आंकड़ों ने पानी फेर दिया है। बुनियादी उद्योगों के 16 महीने उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद औद्योगिक उत्पादन में भी ऊंची छलांग की उम्मीद लगाई जा रही थी। लेकिन मार्च में यह केवल 0.1 फीसद पर सिमट गया। दूसरी तरफ महंगाई को लेकर कम हो रही चिंता फिर बढ़ गई। अप्रैल में खुदरा महंगाई की दर 5.39 फीसद के स्तर तक पहुंच गई है। अर्थव्यवस्था की यह स्थिति ब्याज दरों में कमी की उम्मीदों को भी धूमिल कर सकती है।

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मार्च 2016 में कारखानों की रफ्तार को रोकने में मैन्यूफैक्चरिंग और खनन क्षेत्र के बुरे प्रदर्शन ने अहम भूमिका निभायी है। यही नहीं इस महीने कैपिटल गुड्स क्षेत्र के उत्पादन में भी तेज गिरावट दर्ज की गई है। मार्च 2015 में कारखानों के उत्पादन की वृद्धि दर 2.5 फीसद रही थी। इस तरह वित्त वर्ष 2015-16 में औद्योगिक उत्पादन की कुल वृद्धि दर 2.4 फीसद तक ही सीमित रह गई।

मैन्यूफैक्चरिंग का खराब प्रदर्शन

देश के कुल औद्योगिक उत्पादन में मैन्यूफैक्चरिंग की हिस्सेदारी 75 फीसद है। इसके उत्पादन की वृद्धि दर मार्च 2016 में 1.2 फीसद रही। जबकि बीते वर्ष के इसी महीने में इसके उत्पादन की रफ्तार 2.7 फीसद रही थी। 2015-16 के पूरे वर्ष में भी मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। इस अवधि में इसकी वृद्धि दर सिर्फ दो फीसद रही। खनन क्षेत्र के उत्पादन में भी मार्च में 0.1 फीसद की कमी दर्ज की गई है।

निवेश के प्रवाह का संकेत माने जाने वाले कैपिटल गुड्स क्षेत्र का प्रदर्शन भी अकेले मार्च में ही नहीं बल्कि पूरे वित्त वर्ष में निराशाजनक रहा। मार्च में इसके उत्पादन में 15.4 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है। जबकि बीते वर्ष इसी महीने इसमें 9.1 फीसद की वृद्धि हुई थी। समूचे वित्त वर्ष में इस क्षेत्र की वृद्धि दर 2.9 फीसद ही रही जबकि वित्त वर्ष 2014-15 में इस क्षेत्र की वृद्धि दर 6.3 फीसद रही थी।

महंगाई में इजाफा

अर्थव्यवस्था के एक अन्य मानक खुदरा महंगाई के आंकड़े भी उत्साहजनक नहीं रहे हैं। अप्रैल में खाने पीने के सामान की कीमतों में तेज वृद्धि ने खुदरा महंगाई की दर को मार्च के 4.83 फीसद से बढ़ाकर 5.3 फीसद पर ला दिया है। इस महीने खाद्य उत्पादों की महंगाई दर 6.32 फीसद पर पहुंच गई है। मार्च में यह 5.21 फीसद थी। सब्जियों की खुदरा महंगाई दर अप्रैल में 4.82 फीसद पर पहुंच गई।

क्या होगा ब्याज दर का

आइडीएफसी बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री इंद्रनील पन का मानना है कि जहां तक रिजर्व बैंक के नजरिये की बात है, वह किसी भी फैसले पर पहंुचने से पहले अभी आने वाले महीनों के आंकड़ों पर गौर करना चाहेगा। उसके बाद ही ब्याज दरों के बारे में फैसला होगा।


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