LIC से जुड़ी बड़ी खबर, DPIIT जल्द करने जा रहा है ये काम
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) जल्द ही देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी LIC के विनिवेश की सुविधा के लिए FDI नीति में बदलाव की मंजूरी के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल से संपर्क करने की कोशिश करेगा। एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने रविवार को कहा जानतकारी दी है।
नई दिल्ली, पीटीआइ । उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) जल्द ही देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी LIC के विनिवेश की सुविधा के लिए FDI नीति में बदलाव की मंजूरी के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल से संपर्क करने की कोशिश करेगा। एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने रविवार को कहा जानतकारी दी है। DPIIT के सचिव अनुराग जैन ने कहा कि इस मुद्दे पर वित्तीय सेवा विभाग और निवेश तथा सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) के साथ चर्चा की गई है, सभी एकमत हैं।
जैन ने यहां संवाददाताओं से कहा, "अब यह मसौदा तैयार करने की बात है। हम कोशिश करेंगे कि अंतर-मंत्रालयी विचार-विमर्श के बाद हम जल्द ही कैबिनेट नोट बना लें, मंजूरी ले लें। यह बहुत जल्द होगा।" उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने निर्देश दिया है कि विनिवेश को चालू वित्त वर्ष के दौरान पूरा किया जाना है, "इसलिए हमें भी उसी गति से काम करना है।"
वर्तमान प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) नीति के अनुसार बीमा क्षेत्र में स्वचालित मार्ग के तहत 74 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति है। हालांकि, ये नियम भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) पर लागू नहीं होते हैं, जिसे एक अलग LIC अधिनियम के माध्यम से प्रशासित किया जाता है।
सेबी के नियमों के अनुसार, सार्वजनिक पेशकश के तहत विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) और FDI दोनों की अनुमति है। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि चूंकि LIC अधिनियम में विदेशी निवेश के लिए कोई प्रावधान नहीं है, इसलिए विदेशी निवेशकों की भागीदारी के संबंध में प्रस्तावित LIC IPO को सेबी के मानदंडों के साथ संरेखित करने की आवश्यकता है।
कैबिनेट ने पिछले साल जुलाई में LIC की प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) को मंजूरी दी थी और मौजूदा मार्च तिमाही में हिस्सेदारी बिक्री की योजना बनाई जा रही है।
भारतीय स्टार्टअप्स की प्रत्यक्ष विदेशी सूची के मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर, सचिव ने कहा कि विभाग अभी भी इस मामले की जांच कर रहा है कि स्टार्टअप क्या चाहते हैं।