वोडाफोन-आइडिया की मर्जर प्रक्रिया को आज मंजूरी दे सकता है दूरसंचार विभाग
आइडिया और वोडाफोन दोनों ने संयुक्त रुप से अपने ऑपरेशन्स को मिलाकर देश के सबसे बड़े टेलिकॉम ऑपरेटर बनने का फैसला किया है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। दूरसंचार विभाग (डॉट) आज वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्यूलर की प्रस्तावित विलय योजना को मंजूरी दे सकता है। इस विलय के बाद बनने वाली कंपनी देश की सबसे बड़ी मोबाइल ऑपरेटर कंपनी होगी जिसका नाम वोडाफोन-आइडिया लिमिटेड होना प्रस्तावित है। एक अधिकारी ने बताया, “वोडाफोन-आइडिया के विलय को दूरसंचार विभाग की ओर से सोमवार को मंजूरी मिल सकती है।”
आइडिया और वोडाफोन दोनों ने संयुक्त रुप से अपने ऑपरेशन्स को मिलाकर देश के सबसे बड़े टेलिकॉम ऑपरेटर बनने का फैसला किया है। आंकड़ों के हिसाब से नई कंपनी की संयुक्त आय 23 अरब डॉलर (1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक) होगी, जो कि मार्केट शेयर का 35 फीसद हिस्सा होगा और उसके ग्राहकों का आधार 430 मिलियन (43 करोड़) का होगा।
इस प्रस्तावित मर्जर से दोनों ही कंपनियों को राहत मिल सकती है। वर्तमान में इन दोनों कंपनियों गलाकाट प्रतिस्पर्धा के कारण नुकसान उठाना पड़ा है, जहां उनका मार्जिन फ्री वॉइस कॉल के कारण काफी नीचे चला गया है। विलय में शामिल होने जा रही इन दोनों कंपनियों पर इस समय कर्ज का संयुक्त बोझ 1.15 लाख करोड़ रुपये का है।
जानकारी के मुताबिक दूरसंचार विभाग आइडिया सेल्यूलर के स्पेक्ट्रम के एकबारगी शुल्क के लिए 2100 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी की मांग कर सकता है। साथ ही उसे यह भरोसा भी देना होगा कि वह अदालती आदेश के अनुसार स्पेक्ट्रम संबंधी सभी बकायों का निपटान करेगी। इसके अलावा स्पेक्ट्रम शुल्क के टुकड़ों में भुगतान के लिए वोडाफोन इंडिया की एक साल की बैंक गारंटी की जिम्मेदारी भी आइडिया को लेनी होगी।