जून से सीधे बैंक खाते में गैस सब्सिडी
देश के 20 जिलों के 63 लाख घरों में हर साल कम से कम चार हजार रुपये सरकारी खजाने से पहुंचने का रास्ता साफ हो गया है। सरकार की महत्वाकांक्षी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजना के तहत आगामी एक जून से पहले चरण में दस राज्यों में स्थिति इन जिलों में एलपीजी ग्राहकों के बैंक खाते में सब्सिडी के प
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। देश के 20 जिलों के 63 लाख घरों में हर साल कम से कम चार हजार रुपये सरकारी खजाने से पहुंचने का रास्ता साफ हो गया है। सरकार की महत्वाकांक्षी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजना के तहत आगामी एक जून से पहले चरण में दस राज्यों में स्थिति इन जिलों में एलपीजी ग्राहकों के बैंक खाते में सब्सिडी के पैसे पहुंचने लगेंगे।
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सरकार हर कीमत पर आगामी आम चुनाव से पहले देश के अधिकांश हिस्सों में इस योजना को लागू करना चाहती है। पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री वीरप्पा मोइली ने बताया कि पहले चरण के बाद दो महीने के भीतर 72 अन्य जिलों में डीबीटी योजना को लागू किया जाएगा। तेल कंपनियां देश के अन्य हिस्सों में भी इसे लागू करने के लिए तैयार हैं। पहले चरण के जिलों के एलपीजी ग्राहकों के खाते में एक जून, 2013 से 435 रुपये अग्रिम ही डाल दिए जाएंगे।
पहले सिलेंडर की सप्लाई होते ही ग्राहकों के खाते में 435 रुपये और डाल दिए जाएंगे, ताकि अगला सिलेंडर लेने में उन पर कोई बोझ नहीं पड़े। इन 20 जिलों में सरकार एक वर्ष में लगभग 3,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी देगी। इसके बावजूद कालाबाजारी खत्म होने से केंद्र सरकार को काफी राशि बचेगी भी। इन तैयारियों के साथ ही सरकार ने कहा है कि इन जिलों में जिन ग्राहकों के पास आधार कार्ड नहीं हैं या जिनके आधार कार्ड हैं, लेकिन उन्हें बैंक खाते के साथ जोड़ा नहीं गया है तो वे यह काम अगले 15 दिनों के भीतर कर लें।
जो लोग आधार कार्ड को बैंक खाते और एलपीजी ग्राहक नंबर के साथ नहीं जोड़ेंगे, उन्हें सब्सिडी नहीं मिलेगी। ऐसे लोगों को अगले तीन महीने के भीतर ऐसा करना होगा। साथ ही सरकार ने यह भी कहा है कि इन 20 जिलों में एलपीजी के नए कनेक्शन लेने के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता लागू कर दी गई है। जो लोग बगैर आधार कार्ड और बैंक खाते के जोड़े कनेक्शन लेंगे, उन्हें सब्सिडी वाले सिलेंडर नहीं मिलेंगे।
तेल कंपनियों ने हर एलपीजी वितरक के यहां ग्राहकों के खाते को आधार कार्ड से जोड़ने की सुविधा देने या उस बारे में सही जानकारी उपलब्ध कराने का फैसला किया है। इस स्कीम के बारे में केंद्र सरकार की तरफ से उक्त सभी जिलों में बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान शुरू किया जा रहा है। मोइली ने अनुमान लगाया है कि इस स्कीम के पूरे देश में लागू होने से कम से कम दस हजार करोड़ रुपये की एलपीजी सब्सिडी की बचत होगी।
पिछले वित्त वर्ष के दौरान सरकार व तेल कंपनियों को मिल कर 40 हजार करोड़ रुपये का सब्सिडी बोझ रसोई गैस पर उठाना पड़ा था। सरकारी तेल कंपनियां इस स्कीम को लागू करने के लिए पिछले दो वर्षो से हर ग्राहक की पहचान जुटाने में लगी थी। 14 करोड़ एलपीजी कनेक्शन में लगभग 2.5 करोड़ दोहरे या फर्जी पाए गए थे। इनमें से 63 लाख रद किए जा चुके हैं।