डीजल को तीन रुपये तक महंगा करने की तैयारी
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। केंद्र सरकार अगले कुछ दिनों के भीतर डीजल की कीमतों में एक बड़ी वृद्धि करने जा रही है। यह बढ़ोतरी हर महीने डीजल में पचास पैसे प्रति लीटर के इजाफे के अलावा होगी। इस बार दो से तीन रुपये प्रति लीटर तक डीजल को महंगा किया जा सकता है। रुपये की कमजोरी के चलते तेल कंपनियों पर पड़ने वाले वित्तीय बोझ को कम करने के लिए यह फैसला किया गया है।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। केंद्र सरकार अगले कुछ दिनों के भीतर डीजल की कीमतों में एक बड़ी वृद्धि करने जा रही है। यह बढ़ोतरी हर महीने डीजल में पचास पैसे प्रति लीटर के इजाफे के अलावा होगी। इस बार दो से तीन रुपये प्रति लीटर तक डीजल को महंगा किया जा सकता है। रुपये की कमजोरी के चलते तेल कंपनियों पर पड़ने वाले वित्तीय बोझ को कम करने के लिए यह फैसला किया गया है।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक इस हफ्ते तेल मार्केटिंग कंपनियों के प्रमुखों ने पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली से मुलाकात की। इस दौरान उनसे डीजल बिक्री से हो रहे घाटे की स्थिति के बारे में विस्तार से बताया। इसके बाद ही मोइली ने यह फैसला किया है कि इस बारे में वह राजनीतिक तौर पर विचार-विमर्श कर तेल कंपनियों को मूल्य वृद्धि के बारे में बताएंगे। कंपनियों की ओर से कम से कम पांच रुपये प्रति लीटर की वृद्धि करने की मांग की गई है, मगर तीन रुपये की बढ़ोतरी पर सहमति बन सकती है।
जनवरी, 2013 में सरकार ने डीजल की कीमत हर महीने 50 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि करने की इजाजत तेल कंपनियों को दी थी। अप्रैल-मई में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल काफी सस्ता हो गया था। तब तेल कंपनियों को डीजल पर होने वाला घाटा महज तीन रुपये प्रति लीटर रह गया था। इस हिसाब से सिर्फ छह महीने में तेल कंपनियों के घाटे की भरपाई होनी थी। लेकिन इसके बाद रुपये में गिरावट का दौर शुरू हो गया और क्रूड भी थोड़ा महंगा हो गया। आज भारतीय तेल कंपनियों को डीजल पर फिर से 9.29 रुपये प्रति लीटर का घाटा हो रहा है। इस हिसाब से तेल कंपनियों को डीजल की पूरी कीमत वसूलने में 19 महीने लग जाएंगे।
डीजल की कीमत बढ़ने के कई दूरगामी असर होंगे। पिछले सात महीनों में डीजल की कीमत 3.75 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ चुकी है। पिछले चार-पांच माह में डीजल से चलने वाले वाहनों की बिक्री में गिरावट आने के लिए इसे एक बड़ी वजह माना जा रहा है। डीजल की कीमत में एकमुश्त बड़ी वृद्धि का असर महंगाई की दर पर भी पड़ेगा। ताजा आंकड़े बताते हैं कि खाद्य उत्पादों की कीमतें बढ़ने से महंगाई एक बार फिर चढ़ रही है। महंगा डीजल खाद्य उत्पादों की ढुलाई की लागत और बढ़ा देगा।