निष्पक्ष और न्यायसंगत कारोबार करें कंपनियां
नई दिल्ली। इंडिया इंक देश में न्यायसंगत और निष्पक्ष व्यापार को बढ़ावा दे। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग [सीसीआइ] के चेयरमैन अशोक चावला की ओर से गुरुवार को बुलाई गई बैठक यही स्वर मुखर होकर उभरा। इस बैठक में देश की सौ बड़ी कंपनियों के सीईओ शामिल हुए। चावला ने कहा कि देश में ऐसा व्यापारिक माहौल बनाया जाए, जिससे ईमानदारी
नई दिल्ली। इंडिया इंक देश में न्यायसंगत और निष्पक्ष व्यापार को बढ़ावा दे। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग [सीसीआइ] के चेयरमैन अशोक चावला की ओर से गुरुवार को बुलाई गई बैठक यही स्वर मुखर होकर उभरा। इस बैठक में देश की सौ बड़ी कंपनियों के सीईओ शामिल हुए।
चावला ने कहा कि देश में ऐसा व्यापारिक माहौल बनाया जाए, जिससे ईमानदारी वाले व निष्पक्ष कारोबार बढ़ावा मिले। कंपनियों को गैर प्रतिस्पर्धी गतिविधियों से बचना चाहिए, अन्यथा उनके कारोबार पर उपभोक्ताओं का भरोसा कमजोर होता है। इस बैठक में कॉरपोरेट मामलों के मंत्री सचिन पायलट ने साफ कहा कि उपभोक्ताओं का हित सबसे पहले है। अगर हम सभी उपभोक्ताओं को ध्यान में रखकर कदम उठाएं और प्रतिस्पर्धी कार्यक्रमों को बढ़ावा दें तो कोई दिक्कत नहीं होगी। कुछ क्षेत्रों में कंपनियां गैर प्रतिस्पर्धी कार्यो को बढ़ावा दे रही हैं। कंपनियों को ध्यान देना होगा कि इस तरह के कामों से उपभोक्ताओं पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। पायलट ने कहा कि प्रतिस्पर्धा संबंधी नियम देश में ऐसा माहौल बनाने के लिए हैं, जहां कंपनियों को बाजार पर एकाधिकार बनाने का न मिले। साथ ही वे कार्टेल भी तैयार न कर सकें। सरकार राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा नीति तैयार कर रही है। देश में प्रतिस्पर्धा नियामक हैं। सीसीआइ भी इस दिशा में बेहतर काम कर रहा है। इसके बावजूद आपस में सभी पक्षों को समय-समय पर वार्ता करते रहना चाहिए।
इन दिनों कंपनियां बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत बनाए रखने के लिए लगातार ऐसे कदम उठा रही हैं कि सीसीआइ के पास शिकायतों का अंबार लगता जा रहा है। गैर प्रतिस्पर्धी समझौतों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। इस वजह से सीसीआइ ने कंपनियों के शीर्ष नेतृत्व को प्रतिस्पर्धा नियमों के बारे में जागरूक करने के लिए यह बैठक बुलाई थी। कुछ दिनों पहले सीसीआइ ने विभिन्न व्यापार संगठनों के प्रतिनिधियों को जागरूक करने के लिए भी ऐसी ही एक बैठक आयोजित की थी।