दिल्ली-लखनऊ में नकद गैस सब्सिडी आज से
अगर आप दिल्ली, गुड़गांव, लखनऊ, ग्वालियर, मुर्शिदाबाद या मुंबई में रहते हैं तो पहली तारीख से आपको गैस वितरक को एलपीजी सिलेंडर के पूरे पैसे देने होंगे। रसोई गैस पर मिलने वाली सब्सिडी सीधे आपके बैंक खाते में आएगी। इसकी वजह यह है कि केंद्र सरकार देश के 105 और जिलों को एक जनवरी से एलपीजी पर डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम [डीबीटी] के दायरे में लाने जा रही है। 1
नई दिल्ली। अगर आप दिल्ली, गुड़गांव, लखनऊ, ग्वालियर, मुर्शिदाबाद या मुंबई में रहते हैं तो पहली तारीख से आपको गैस वितरक को एलपीजी सिलेंडर के पूरे पैसे देने होंगे। रसोई गैस पर मिलने वाली सब्सिडी सीधे आपके बैंक खाते में आएगी। इसकी वजह यह है कि केंद्र सरकार देश के 105 और जिलों को एक जनवरी से एलपीजी पर डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम [डीबीटी] के दायरे में लाने जा रही है। 18 राज्यों के 184 जिलों में यह स्कीम पहले से ही लागू है।
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इस स्कीम के तहत अब दिल्ली और मुंबई समेत दूसरी जगहों के उपभोक्ताओं के आधार से जुड़े बैंक खाते में सिलेंडर बुकिंग पर ही 435 रुपये पहुंच जाएंगे। सिलेंडर की डिलीवरी लेने के साथ ही दूसरी बार की सब्सिडी भी खाते में आ जाएगी। दिल्ली में अभी सब्सिडी वाला सिलेंडर 414 और गैर सब्सिडी वाला 1,021 रुपये में मिलता है। डीबीटी के तहत उपभोक्ता को साल में नौ सिलेंडर मिलते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, एक जनवरी से दिल्ली-मुंबई के अलावा अहमदाबाद, गुड़गांव, बेलगाम, ग्वालियर, जोधपुर, थंजवूर, लखनऊ और मुर्शिदाबाद में भी डीबीटी स्कीम शुरू हो जाएगी। हालांकि, इस स्कीम के तहत केवल उन लोगों को नकद सब्सिडी मिलेगी, जिनका आधार नंबर बैंक खाते से जुड़ा हुआ है। खाते को आधार से जोड़ने के लिए तीन महीने का समय भी दिया गया है।
इस योजना की शुरुआत एक जून, 2013 को 20 जिलों से की गई थी। तब से लेकर अब तक इन 184 जिलों में सरकार ने करीब 2,000 करोड़ रुपये डीबीटी के तहत बैंक खातों में डाल चुकी है। सितंबर में योजना को 34 और जिलों तक बढ़ा दिया गया। आज से यह योजना 289 जिलों तक पहुंच गई है। यह आंकड़ा देश के कुल जिलों का लगभग आधा है। इस महत्वाकांक्षी स्कीम के जरिये सरकार सिलेंडर की कालाबाजारी और सब्सिडी में लगने वाली सेंध को खत्म करना चाहती है।