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Lakshmi Vilas Bank के विलय के लिए DBS India में 2,500 करोड़ रुपये डालेगा DBS समूह, जानें इस प्रस्तावित विलय से जुड़ी अहम बातें

सरकार ने मंगलवार को लक्ष्मी विलास बैंक को 30 दिन के मोरेटोरियम के अंतर्गत रख दिया था। इसके बाद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नकदी संकट से जूझ रहे लक्ष्मी विलास बैंक का DBS Bank India Ltd (DBIL) में विलय करने की मसौदा स्कीम की घोषणा की थी।

By Ankit KumarEdited By: Published: Wed, 18 Nov 2020 08:15 AM (IST)Updated: Wed, 18 Nov 2020 07:19 PM (IST)
Lakshmi Vilas Bank के विलय के लिए DBS India में 2,500 करोड़ रुपये डालेगा DBS समूह, जानें इस प्रस्तावित विलय से जुड़ी अहम बातें
LVB पर एक माह का मोरेटोरियम लगाया गया है। (PC: Twitter handle of DBS)

नई दिल्ली, पीटीआइ। सिंगापुर की DBS नकदी संकट से घिरे लक्ष्मी विलास बैंक (LVB) के प्रस्तावित विलय के लिए DBS Bank India में 2,500 करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी। सरकार ने मंगलवार को लक्ष्मी विलास बैंक को 30 दिन के मोरेटोरियम के अंतर्गत रख दिया था। इसके बाद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नकदी संकट से जूझ रहे लक्ष्मी विलास बैंक का DBS Bank India Ltd (DBIL) में विलय करने की मसौदा स्कीम की घोषणा की थी। DBS India ने एक विज्ञप्ति में कहा है कि विलय का यह प्रस्ताव बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट, 1949 की धारा 45 के तहत भारत सरकार और आरबीआई को प्राप्त विशेष अधिकार के तहत आया है। 

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इस प्रस्तावित विलय से लक्ष्मी विलास बैंक के ग्राहकों, जमाकर्ताओं और कर्मचारियों को स्थिरता मिलेगी। DBS India ने कहा है कि इस विलय से DBIL को देश में और खास कर दक्षिण भारत में अपने ग्राहकों के आधार और नेटवर्क का विस्तार करने में मदद मिलेगी। उल्लेखनीय है कि दक्षिण भारत का सिंगापुर के साथ करीबी कारोबारी संबंध है।

DBS ने कहा है, ''इस विलय को सपोर्ट करने के लिए स्कीम को स्वीकृति मिलने की स्थिति में DBS 2,500 करोड़ रुपये DBIL में डालेगी। DBS के मौजूदा स्रोतों से यह पूंजी डाली जाएगी।''

उसने कहा है कि DBS इस प्रस्तावित स्कीम पर आरबीआई और भारत सरकार के अंतिम निर्णय की प्रतीक्षा करेगी और विस्तृत ब्योरा बाद में जारी किया जाएगा। 

LVB पर एक माह का मोरेटोरियम लगाया गया है और इसके बोर्ड को रिजर्व बैंक ने अपने नियंत्रण में ले लिया है। वहीं, बैंक के ग्राहक मोरेटोरियम अवधि के दौरान बैंक से 25,000 रुपये से अधिक की निकासी नहीं कर पाएंगे।

लक्ष्मी विकास बैंक की बिगड़ती वित्तीय सेहत को ध्यान में रखते हुए रिजर्व बैंक के परामर्श पर भारत सरकार ने इस संबंध में फैसला किया है।

LVB भारत में 94 वर्ष से सक्रिया है और रिटेल और एसएमई बैंकिंग सेक्टर में बैंक की स्थिति बहुत मजबूत रही है। दूसरी ओर, DBS भारत में 1994 से सक्रिय है। 


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