दूसरी छमाही में भी जारी रह सकती है अर्थव्यवस्था में सुस्ती: DBS Bank
DBS Bank ने कहा कि नए प्रोजेक्ट की घोषणाएं कई सालों के न्यूनतम स्तर पर है और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स नॉन-ड्यूरेबल्स इंटरमीडिएट व कैपिटल गुड्स की कमजोर मांग के कारण उत्पादन सिमट रहा है
सिंगापुर, पीटीआइ। भारतीय अर्थव्यवस्था के जल्द पटरी पर लौटने के संकेत नजर नहीं आ रहे हैं। सिंगापुर के डीबीएस बैंक ने सोमवार को कहा है कि भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ के इस साल की अगली छमाही में भी सुस्त रहने का अनुमान है। डीबीएस ने अपनी नियमित इकॉनोमिक रिपोर्ट में बताया है कि तीसरी तिमाही में सालाना आधार पर जीडीपी वृद्धि दूसरी तिमाही की 5 फीसदी की अपेक्षा 4.3 फीसद रह सकती है।
इस तिमाही में निजी क्षेत्र की एक्टिविटी में कमी के साथ खपत में कमी जारी रहने का अनुमान है। बैंक ने यह भी कहा कि नए प्रोजेक्ट की घोषणाएं कई सालों के न्यूनतम स्तर पर है और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, नॉन-ड्यूरेबल्स, इंटरमीडिएट व कैपिटल गुड्स की कमजोर मांग के कारण उत्पादन सिमट रहा है।
बैंक ने कहा कि भारतीय रिज़़र्व बैंक (RBI) के सर्वे के अनुसार, आय और रोजगार की स्थिति को लेकर उपभोक्ता धारणा में गिरावट का रुख परिलक्षित होता है। वहीं, प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर संग्रह भी मांग में कमी को दिखाता है। बैंक और गैर-बैंकिंग कंपनियों के ऋण में भी सुस्त वृद्धि हुई है।
डीबीएस बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि स्थिति में संतुलन लाने के लिए साल के शुरुआती समय में आम चुनाव के चलते खर्च आवंटन कम रहने के बाद अब वित्तीय खर्च में तेजी आ सकती है।
डीबीएस रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि निर्यात में कमी के साथ ही गैर-ऑयल और गैर-स्वर्ण आयात में गिरावट से संतुलन बना रह सकता है। बता दें कि जुलाई से सितंबर तिमाही के जी़डीपी के आंकड़े इसी हफ्ते जारी होने वाले हैं।
PC:Pixabay