Move to Jagran APP

Jet एयरवेज की मुश्किलें बढ़ीं, किराएदारों ने खड़े किए और विमान - रिपोर्ट

जेट लगातार घाटे में हैं और उसने लोन पेमेंट में डिफॉल्ट भी किया है। इसके साथ ही पायलट किराए पर विमान देने वाली कंपनियों और सप्लायर्स को पिछले कई महीनों से भुगतान नहीं किया है।

By Abhishek ParasharEdited By: Published: Thu, 21 Feb 2019 05:38 PM (IST)Updated: Fri, 22 Feb 2019 08:49 AM (IST)
Jet एयरवेज की मुश्किलें बढ़ीं, किराएदारों ने खड़े किए और विमान - रिपोर्ट
Jet एयरवेज की मुश्किलें बढ़ीं, किराएदारों ने खड़े किए और विमान - रिपोर्ट

नई दिल्ली (एजेंसी/बिजनेस डेस्क)। संकटग्रस्त विमानन कंपनी जेट एयरवेज की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। विमानों को पट्टे पर देने वाली अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने जेट एयरवेज के कई और विमानों को खड़ा कर दिया है। 

loksabha election banner

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सू्त्रों के हवाले से बताया है कि कर्जदाताओं को इस बात का भरोसा नहीं हो पा रहा है कि बेलआउट पैकेज जेट एयरवेज को मुश्किलों से निकाल पाएगा। उन्हें लग रहा कि कंपनी समय पर बकाया रकम का भुगतान नहीं कर पाएगी।

जेट लगातार घाटे में हैं और उसने लोन पेमेंट में डिफॉल्ट भी किया है। इसके साथ ही पायलट, किराए पर विमान देने वाली कंपनियों और सप्लायर्स को पिछले कई महीनों से भुगतान नहीं किया है। 

एजेंसी ने किराए पर विमान देने वाली एक कंपनी के सूत्र के हवाले से लिखा है, 'इस बात को लेकर चर्चा है कि पैसा आने वाला है लेकिन किराए पर देने वाली कंपनियां काफी लंबे समय से यह सुनती आ रही हैं।'

उन्होंने कहा, 'हम समाधान योजना को लेकर बहुत ज्यादा उम्मीद में नहीं हैं। यह किंगफिशर जैसा मामला होता जा रहा है। बैंकों ने कंपनी को अपने नियंत्रण में ले लिया है लेकिन वह कभी भी नियंत्रण हिस्सेदारी लेने और कंपनी को चलाने के पक्ष में नहीं थे।'

एजेंसी के मुताबिक जेट के 9 विमानों को किराएदार खड़ा कर चुके हैं। पिछले महीने इसकी संख्या 4 थी। सूत्रों के मुताबिक एयरकैप होल्डिंग्स एनवी और बीओसी एविएशन उन कंपनियों में शामिल हैं, जिन्होंने विमान को ऑपरेशन से हटा लिया है।

हालांकि जेट ने गुरुवार को कहा कि उसके पांच विमान ही खड़े किए गए हैं। इस मामले में बीओसी एविएशन और एयरकैप ने भी टिप्पणी करने से मना कर दिया।

जेट को संकट से बाहर निकलने के लिए करीब 8,500 करोड़ रुपये की जरूरत है। पिछले हफ्ते ही कंपनी के बोर्ड ने बैंकों की तरफ से पेश किए गए समाधान योजना को मंजूर कर लिया था। बैंकों ने इस योजना के तहत अपने कर्ज को इक्विटी में बदलने का फैसला लिया है। 

चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में जेट एयरवेज को 587.77 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। वहीं पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी को शुद्ध 165.25 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। 

स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी में कंपनी ने बताया है कि तीसरी तिमाही में उसका राजस्व 6,147.98 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल 6,086.20 करोड़ रुपये था।

जेट को लगातार चौथी तिमाही में घाटा उठाना पड़ा है। कच्चे तेल की कीमतों में हुई इजाफे और घरेलू बाजार में जबरदस्त प्रतिस्पर्धा की वजह से उसे घाटा उठाना पड़ा है।

गुरुवार को बीएसई में कंपनी का शेयर करीब एक फीसद की मामूली तेजी के साथ 235 रुपये पर बंद हुआ।


यह भी पढ़ें: जेट एयरवेज को Q3 में 587.77 करोड़ रुपये का घाटा, समाधान योजना को मिली मंजूरी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.