महंगाई के आंकड़े और औद्योगिक उत्पादन की दर तय करेंगे बाजार की दिशा
बीता हफ्ता दलाल स्ट्रीट के लिए अच्छा रहा था। प्रमुख शेयर बाजार लगातार तीसरे हफ्ते बढ़त लेने में सफल रहे थे
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। प्रमुख एशियाई बाजारों में आज मिला-जुला रुख देखने को मिल रहा है और इसका असर भारतीय शेयर बाजार में भी देखने को मिल सकता है। इस हफ्ते बाजार पर कुछ वृहद आर्थिक आंकड़ों का असर पड़ेगा। निवेशकों की निगाह अप्रैल के औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों, वैश्विक संकेतों, कच्चे तेल की कीमत और मानसून की चाल पर रहेगी। महंगाई के आंकड़े भी बाजार की चाल पर असर डालेंगे।
वैश्विक बाजारों का हाल: सोमवार के कारोबार में शांघाई एक्सचेंज को छोड़कर सभी एशियाई बाजार हरे निशान पर कारोबार कर रहे हैं। करीब साढ़े आठ बजे जापान का निक्केई 0.30 फीसद की तेजी के साथ 22762, चीन का शांघाई 0.47 फीसद की गिरावट के साथ 3052 और हैंगसेंग 0.24 फीसद की तेजी के साथ 31033 पर एवं ताइवान का कोस्पी 0.34 फीसद की तेजी के साथ 2459 पर कारोबार करते देखे गए। अगर अमेरिकी बाजारों की बात करें तो बीते दिन डाओ जोंस 0.30 फीसद की तेजी के साथ 25316, स्टैंडर्ड एंड पुअर 0.31 फीसद की तेजी के साथ 2779, नैस्डैक 0.14 फीसद की तेजी से साथ 7645 पर बंद हुए हैं।
बीता हफ्ता दलाल स्ट्रीट के लिए अच्छा रहा था। प्रमुख शेयर बाजार लगातार तीसरे हफ्ते बढ़त लेने में सफल रहे थे। बीते हफ्ते बीएसई के सेंसेक्स में 216.41 अंक की बढ़त दर्ज की गई। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 71.45 अंक की बढ़त लेने में सफल रहा था। कोटक सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च) संजीव जरबादे ने कहा, ‘निवेशक अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक पर नजर रखेंगे। माना जा रहा है कि फेड रिजर्व ब्याज दरों में वृद्धि का फैसला कर सकता है। इसके अलावा यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) की बैठक भी इसी हफ्ते होनी है।’ घरेलू मोर्चे पर भी बाजार की चाल को प्रभावित करने वाले कई कारक हैं।
एक्सपर्ट का नजरिया: जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा, ‘मानसून की गति और ग्रामीण बाजार को लेकर सकारात्मक परिदृश्य से अर्थव्यवस्था को गति मिल रही है। इस हफ्ते थोक एवं खुदरा महंगाई की दर और औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों पर निवेशकों की निगाह रहेगी। आने वाले दिनों में बाजार का ट्रेंड काफी हद तक इन आंकड़ों पर निर्भर करेगा।’
पिछले छह कारोबारी सत्रों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआइ) ने भारतीय इक्विटी बाजार में 2,241 करोड़ रुपये का निवेश किया। कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और कंपनी नतीजों में सुधार से निवेशकों का भरोसा लौटा है। पिछले दो महीने के विदेशी निवेशकों ने भारतीय इक्विटी बाजार से 15,600 करोड़ रुपये निकाले थे। इससे पहले मार्च में एफपीआइ ने 11,655 करोड़ रुपये का निवेश किया था। समीक्षाधीन अवधि में विदेशी निवेशकों ने डेट मार्केट से 405 करोड़ रुपये निकाले।
शीर्ष 10 में से छह कंपनियों का एम-कैप बढ़ा: बीते हफ्ते देश की 10 सबसे बड़ी कंपनियों में से छह के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में 60,207.86 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई। इस दौरान सबसे ज्यादा फायदे में रिलायंस इंडस्ट्रीज रही। रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैप 34,378.16 करोड़ रुपये बढ़कर 6,23,070.31 करोड़ रुपये रहा। इन्फोसिस का बाजार मूल्यांकन 8,627 करोड़ रुपये बढ़कर 2,75,145 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। टीसीएस, एसबीआइ, मारुति सुजुकी और हिंदुस्तान यूनीलिवर के बाजार मूल्यांकन में वृद्धि दर्ज की गई। समीक्षाधीन सप्ताह में एचडीएफसी बैंक, आइटीसी, एचडीएफसी लिमिटेड और कोट महिंद्रा बैंक के बाजार पूंजीकरण में गिरावट दर्ज की गई।