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काफी अधिक बढ़ सकता है NPA, बैंकों को जोखिम से अत्यधिक दूरी बनाने से बचना चाहिए: RBI गवर्नर

भारत में वित्तीय प्रणाली सुदृढ़ है। फिर भी वर्तमान समय में वित्तीय मध्यस्थों के लिए पूंजी में निरंतर वृद्धि करने और अपने लचीलेपन में सुधार लाने की काफी अधिक आवश्यकता है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Fri, 24 Jul 2020 06:39 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jul 2020 07:13 PM (IST)
काफी अधिक बढ़ सकता है NPA, बैंकों को जोखिम से अत्यधिक दूरी बनाने से बचना चाहिए: RBI गवर्नर
काफी अधिक बढ़ सकता है NPA, बैंकों को जोखिम से अत्यधिक दूरी बनाने से बचना चाहिए: RBI गवर्नर

नई दिल्ली, पीटीआइ। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि देश की वित्तीय प्रणाली सुदृढ़ है, लेकिन बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को कोविड ​-19 महामारी और उसके बाद के दौर में जोखिम से अत्यधिक दूरी बनाने से बचना चाहिए। द्वि-वार्षिक वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (FSR) में अपनी प्रस्तावना में दास ने कहा कि बैंक और वित्तीय मध्यस्थों के के लिए अभी सर्वोच्च प्राथमिकता पूंजी के स्तर को बढ़ाने और लचीलेपन में सुधार लाने की होनी चाहिए। आरबीआई ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में आशंका जताई है कि बैंकों का एनपीए मार्च 2021 तक बढ़कर 12.5 फीसद हो सकता है।

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दास ने कहा, 'मौजूदा समय में जोखिम प्रबंधन के लिए विवेकपूर्ण होना चाहिए। जोखिम से बचने का अत्यधिक प्रयास हम सब के लिए प्रतिकूल परिणाम देगा।' दास ने यह बात ऐसे समय में कही है, जब क्रेडिट ग्रोथ में गिरावट आई है।

दास ने कहा, 'भारत में वित्तीय प्रणाली सुदृढ़ है। फिर भी, वर्तमान समय में वित्तीय मध्यस्थों के लिए पूंजी में निरंतर वृद्धि करने और अपने लचीलेपन में सुधार लाने की काफी अधिक आवश्यकता है। उनके लिए यह शीर्ष प्राथमिकता में आना चाहिए।' वित्तीय क्षेत्र की स्थिरता व्यवसायों, निवेशकों और उपभोक्ताओं को विश्वास दिलाने के लिए एक आधार है। उन्होंने कहा, "हमें बेहद सतर्क और फोकस्ड रहना होगा।"

दास ने कहा कि सरकारों, केंद्रीय बैंकों और देश की अन्य सार्वजनिक एजेंसियों ने वित्तीय तनाव को कम करने व आत्मविश्वास पैदा करने के लिए समन्वित प्रयास किए हैं और इन उपायों ने वित्तीय प्रणाली और बाजारों को स्थिरता प्रदान की है। हालांकि, उन्होंने कहा कि वित्तीय प्रणाली और बाजारों के लिए दृष्टिकोण अत्यधिक अनिश्चित बना हुआ है।

काफी अधिक बढ़ सकता है एनपीए

भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में मार्च 2021 तक बैंकों का एनपीए बढ़कर 12.5 फीसद हो जाने की आशंका जताई है। बैंकों का एनपीए मार्च 2020 में 8.5 फीसद पर था। कोरोना वायरस प्रकोप और इसके संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था के बुरी तरह प्रभावित होने का प्रभाव बैकों के एनपीए पर भी पड़ने की आशंका है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने कहा है कि माइक्रोइकोनॉमिक माहौल और बिगड़ता है, तो यह अनुपात 14.7 फीसद तक जा सकता है।

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