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गलतियों की संभावना खत्म करे CBDT, सजग रहती तो जुर्माने से बच जाती एयर इंडिया: CAG

उधर एयर इंडिया द्वारा निर्धारित समय सीमा का पालन नहीं करने की एवज में बोइंग को चुकाए गए 43.85 करोड़ रुपये जुर्माने पर कैग ने सवाल उठाया है। कैग ने कहा है कि अगर कंपनी सजग रहती तो इसे टाला जा सकता था।

By NiteshEdited By: Published: Wed, 22 Dec 2021 11:06 AM (IST)Updated: Wed, 22 Dec 2021 11:06 AM (IST)
गलतियों की संभावना खत्म करे CBDT, सजग रहती तो जुर्माने से बच जाती एयर इंडिया: CAG
Corporate tax assessment CAG spots major errors in over 350 cases

नई दिल्ली, पीटीआइ। कारपोरेशन टैक्स के आकलन में गलतियों और अनियमितताओं पर नाराजगी जताते हुए नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने सीबीडीटी को इससे बचने को कहा है। भविष्य में ऐसी गलतियां नहीं हों, इसके लिए कैग ने सीबीडीटी को एक दोषमुक्त आइटी तंत्र और व्यवस्था स्थापित करने का आदेश दिया है। उधर, एयर इंडिया द्वारा निर्धारित समय सीमा का पालन नहीं करने की एवज में बोइंग को चुकाए गए 43.85 करोड़ रुपये जुर्माने पर कैग ने सवाल उठाया है। कैग ने कहा है कि अगर कंपनी सजग रहती तो इसे टाला जा सकता था। जुलाई 2016 से दिसंबर 2019 की अवधि के लिए यह जुर्माना पिछले अगस्त में दिया गया था। दिसंबर 2015 में एयरलाइन ने 787 विमान के पुर्जो की सर्विसिंग के लिए रोटेबल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत बोइंग के साथ समझौता किया था।

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कैग ने मंगलवार को संसद में एक रिपोर्ट पेश की। इसमें रकम के लिहाज से 356 बड़े मामलों का आडिट किया गया है। इसमें जिस तरह की गलतियां मिली हैं, वह मुख्य रूप से इनकम और टैक्स की गणना में त्रुटियों, ब्याज लगाने में गलती और मैट क्रेडिट से संबंधित थीं।कैग ने 356 मामलों में से त्रुटियों और अनियमितताओं के 38 उदाहरण दिए और ये लगभग 3,976.56 करोड़ के कारपोरेशन टैक्स से जुड़े थे।

कैग के अनुसार टैक्स और सेस की गलत दर, ब्याज लगाने में त्रुटि और अधिक या अनियमित रिफंड असल में आयकर विभाग की आंतरिक कमजोरियों की ओर इशारा करते हैं और इन्हें दूर किए जाने की आवश्यकता है। कैग ने कहा, 'केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को ना केवल अपने आकलन पर दोबारा गौर करना चाहिए बल्कि भविष्य में ऐसी त्रुटियों की पुनरावृत्ति से बचने के लिए एक दोषमुक्त आइटी प्रणाली और व्यवस्था स्थापित करनी चाहिए।' रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सीबीडीटी इस बात की भी जांच कर सकता है कि ये गलतियां सिर्फ एक चूक हैं या फिर इसके पीछे कोई साजिश है। यदि साजिश की बात सामने आती है तो आयकर विभाग को कानून के अनुसार कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए।

रेलवे का परिचालन अनुपात वास्तविक वित्तीय प्रदर्शन नहीं

कैग ने कहा है कि वित्त वर्ष 2019-2020 में भारतीय रेलवे का 98.36 प्रतिशत परिचालन अनुपात उसके वास्तविक वित्तीय प्रदर्शन को नहीं दर्शाता है। यदि पेंशन भुगतान पर वास्तविक खर्च को ध्यान में रखा जाए तो यह अनुपात 114.35 प्रतिशत होना चाहिए। परिचालन अनुपात (ओआर) यातायात के जरिये आय और कार्यशील व्यय के अनुपात को बताता है।

पीएसयू का कर्ज लेकर 'शापिंग' करना ठीक नहीं

कैग ने एक सार्वजनिक उपक्रम (पीएसयू) द्वारा किसी दूसरे सार्वजनिक उपक्रम में इक्विटी हिस्सेदारी खरीदने के लिए उधार लेने की प्रथा की आलोचना की है। कैग ने कहा कि इससे इससे विनिवेश की भावना को नुकसान पहुंचता है।


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