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कोरोना के कहर से शेयर बाजार में खलबली, निवेशकों ने एक दिन में 8.77 लाख करोड़ रुपये गंवाए

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि लाकडाउन और कोरोना के रिकार्ड मामलों से बाजार नीचे जा रहे हैं। माना जा रहा है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के नतीजे पहले के अनुमान से खराब रहेंगे।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Mon, 12 Apr 2021 07:15 PM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 07:35 AM (IST)
कोरोना के कहर से शेयर बाजार में खलबली, निवेशकों ने एक दिन में 8.77 लाख करोड़ रुपये गंवाए
Stock Market ( P C : Pixabay )

नई दिल्ली, पीटीआइ। सेंसेक्स सोमवार को 1708 अंक की गिरावट के साथ और निफ्टी 14,350 से नीचे बंद हुआ। देशभर में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर में बढ़ते संक्रमण से निवेशकों में डर का माहौल बनने से यह बड़ी गिरावट देखने को मिली। ट्रेडर्स ने कहा कि महामारी की दूसरी लहर उम्मीद के काफी अधिक भयावय हो रही है और स्थानीय लॉकडाउन बढ़ने के चलते प्रतिभागियों द्वारा अब अपने रिकवरी के पूर्वानुमानों का दोबारा आकलन किया जा रहा है। 

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ट्रेडर्स ने आगे कहा कि रुपये में अप्रत्याशित गिरावट ने आत्मविश्वास को और कम कर दिया है।  रुपया प्रति डॉलर 75 के पार चला गया है। सोमवार को 32 पैसे की गिरावट के साथ रुपया प्रति डॉलर 75.05 पर बंद हुआ।

30 शेयरों वाला सेंसेक्स 26 फरवरी के बाद की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज करते हुए 1707.94 अंक या 3.44 फीसद की गिरावट के साथ 47,883.38 पर बंद हुआ। इसी तरह एनएसई निफ्टी 524.05 अंक या 3.53 फीसद की गिरावट के साथ 14,310.80 पर बंद हुआ। हालांकि, डॉ रेड्डी के शेयर में सोमवार को 4.83 फीसद का उछाल दर्ज हुआ। इसके अलावा सभी सेंसेक्स के शेयर लाल निशान पर बंद हुए। इंडसइंड बैंक में सबसे अधिक 8.60 फीसद की गिरावट दर्ज हुई। इसके बाद बजाज फाइनेंस, एसबीआई, ओएनजीसी, टाइटन, एमएंडएम, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और बजाज फिनसर्व में सबसे अधिक गिरावट दर्ज हुई।

सोमवार के सत्र में निवेशकों ने 8.77 लाख करोड़ रुपये खो दिए, इससे बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण गिरकर 200.85 लाख करोड़ रुपये पर आ गया। भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की संख्या रोज अपना पुराना रिकॉर्ड तोड़ रही है। एक दिन में सबसे अधिक 1,68,912 नए मामले सामने आ चुके हैं।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि लाकडाउन और कोरोना के रिकार्ड मामलों से बाजार नीचे जा रहे हैं। माना जा रहा है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के नतीजे पहले के अनुमान से खराब रहेंगे। बैंकिंग और संबंधित सेक्टर पर दुष्प्रभाव सबसे ज्यादा दिख सकता है। आइटी, फार्मा और एफएमसीजी पर असर कम रहेगा।

कुछ हफ्तों में कोरोना के मामले कम होने की उम्मीद है, तब अर्थव्यवस्था फिर पटरी पर लौटेगी। कारोबार के दौरान सेक्टर के हिसाब से सभी इंडेक्स में गिरावट आई। रियल्टी ने सबसे ज्यादा 7.70 फीसद का गोता लगाया। बीएसई के मिडकैप और स्मालकैप में भी 5.32 फीसद की गिरावट आई।अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मिलाजुला रुख रहा। चीन, हांगकांग और जापान के शेयर गिरावट में रहे, जबकि दक्षिण कोरियाई शेयर बाजार में हल्की बढ़त दर्ज की गई। यूरोपीय बाजार शुरुआती कारोबार में बढ़त में रहे।


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